खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से उसके फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी को भी अरेस्ट कर लिया है. इस बीच अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह का बयान सामने आया है.
तरसेम ने एजेंसी को बताया है कि अमृतपाल फरार है या गिरफ्तार हो चुका है, उन्हें फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. तरसेम ने कहा कि वह चाहते हैं कि अमृतपाल के बारे में कोई सही जानकारी मिल जाए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके घर में 3 से 4 घंटे तक सर्चिंग की. पुलिस टीम के साथ एसएसपी लेवल के सीनियर अफसर भी साथ आए थे. उन्हें घर से कोई भी गैरकानूनी सामान नहीं मिला.
तरसेम ने आगे कहा कि पुलिस की टीम कह रही थी कि वे अमृतपाल को गिरफ्तार करने आए हैं. उन्होंने सवाल किया कि पुलिस ने अमृतपाल को 8 या 8.30 बजे के आसपास गिरफ्तार क्यों नहीं किया, जिस समय वह घर पर मौजूद था. बता दें कि पंजाब पुलिस अमृतपाल के कई बॉडीगार्ड को गिरफ्तार कर चुकी है. उसके चाचा हरजीत सिंह, ड्राइवर हरप्रीत, गुर औजला, तूफान सिंह और पपलप्रीत सिंह फरार हैं.
78 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस ने दावा किया है कि अमृतपाल को आखिरी बार मोटरसाइकिल से भागते हुए देखा गया. पंजाब में उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है. अब तक 78 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. साथ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
बड़ी तादाद में हथियार बरामद
पंजाब पुलिस ने दावा किया है कि सर्च ऑपरेशन में अब तक पॉइंट 315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की 7 राइफल, एक रिवॉल्वर और 373 कारतूस समेत कुल नौ हथियार बरामद किए गए हैं. इस बीच सुरक्षा कारणों और अफवाह फैले के खतरे को देखते हुए राज्य में इंटरनेट बंद कर धारा-144 लागू कर दी गई है.
संगठन के लोगों पर 4 मामले दर्ज
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता के मुताबिक वारिस पंजाब दे संगठन से जुड़े लोगों पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें लोगों में वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने के मामले हैं. इसी क्रम में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए संगठन के लोगों के खिलाफ केस 24 फरवरी को केस दर्ज किया गया था. इसमें अमृतपाल सिंह भी आरोपी है.
कैसे अमृतपाल के हाथ आई कमान?
बता दें कि खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने वाला 30 साल का अमृतपाल सिंह पंजाब में 'वारिस पंजाब दे' संगठन संचालित करता है. ये संगठन एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था. 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद इसकी कमान दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली.
दुबई में रहते हैं ज्यादातर रिश्तेदार
अमृतपाल ने किसान आंदोलन में भी रुचि दिखाई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया. अमृतपाल 2012 में दुबई चला गया था. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर रिश्तेदार दुबई में रहते हैं. अमृतपाल ने शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी की. उसने 12वीं तक पढ़ाई की है.