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न किताब-कॉपी, न बस्ते का बोझ! इस गांव के बच्चे टैबलट पर करते हैं पढ़ाई

न बैग का बोझ, न किताब-कॉपी की झंझट. पंजाब के इस गांव में बच्चों की पढ़ाई हो रही है टैब पर. बच्चों के स्कूली बैग का बोझ खत्म करने के मकसद से एक विशेष प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.

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students in this Punjab village study on tablets
students in this Punjab village study on tablets

न बैग का बोझ, न किताब-कॉपी की झंझट. पंजाब के इस गांव में बच्चों की पढ़ाई हो रही है टैब पर. पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक छोटे से गांव हरचोवाल में एक प्राइवेट स्कूल है - सिख हेरिटेज स्कूल . यहीं हो रहा है यह अनोखा प्रयोग.

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अमेरिका की एक संस्था की तरफ से स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों के स्कूली बैग का बोझ खत्म करने के मकसद से एक विशेष प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इसी प्रोजेक्ट के तहत सिख हेरिटेज स्कूल में तीसरी कक्षा से लेकर पांचवीं कक्षा के बच्चों को टैब के जरिये शिक्षा दी जा रही है. हालांकि अभी यह सिर्फ गणित विषय के लिए ही है लेकिन इस प्रोजेक्ट को शुरू करने वाली अमेरिका की पिकेस्टल संस्था का लक्ष्य है कि टैब के जरिये स्कूल की सभी कक्षाओं के बच्चों को सभी विषय की पढ़ाई करवाई जाए.

इस स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों की उंगलियां टैब पर फर्राटे से चलती हैं. इन बच्चों का कहना है कि उनके लिए किताबों से पढ़ाई करना उतना आसान नहीं है, जितना टैब के जरिये. इन बच्चों का यह भी कहना है कि उनके बैग का बोझ कम हुआ है पर उनकी मांग है कि उनके सभी विषयों की पढ़ाई टैब के जरिये ही होनी चाहिए.

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इस प्रोजेक्ट की टेक्निकल मैनेजर राजवंत कौर का कहना है की संस्था की तरफ से अभी पंजाब के दो ही स्कूल चुने गए हैं लेकिन जल्द ही पंजाब के दूसरे जिलों के भी अन्य स्कूलों को इसके तहत शामिल किया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बच्चों को दिए गए टैब में एक विशेस मैथ्स विज एप्लीकेशन इंस्टॉल की गई है, जिसके जरिये बच्चे टैब पर मैथ्स जैसे मुश्किल विषय की पढ़ाई बड़े रोमांच के साथ कर रहे हैं.

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