पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल अमृतसर के गोल्डन टेंपल में धार्मिक सजा काट रहे हैं. जब सुखबीर गोल्डन टेंपल के एंट्री गेट पर पहरेदारी कर रहे थे, उसी समय उन पर जानलेवा हमला हुआ. नारायण सिंह नाम के एक शख्स ने उन पर फायरिंग की. वहां मौजूद लोगों की सतर्कता से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. उन लोगों ने हमलावर को दबोचकर उससे पिस्तौल छीन ली और पुलिस के हवाले कर दिया. नारायण सिंह दल खासला से जुड़ा हुआ है और अनलॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट यानी UAPA में वांटेड रह चुका है.
सुखबीर बादल दरबार साहिब परिसर में आज सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच जब सेवा (पहरेदारी) कर रहे थे तभी उन पर गोलीबारी की गई. राहत की बात रही कि इसमें सुखबीर को कोई चोट नहीं आई. सुखबीर पर हुए इस हमले की शिरोमणि अकाली दल ने न्यायिक जांच की मांग की है. अकाली दल ने कहा कि हमला करने वाला नारायण सिंह चौरा डेरा बाबा नानक में चौरा बाजार कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह का भाई है, जोकि कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा के करीबी हैं.
पंजाब की जेल में 6 साल बंद रह चुका हमलावर
हमलावर नारायण सिंह चौरा प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ा हुआ है. सूत्रों की मानें तो हमलावर 1984 में पाकिस्तान चला गया था और खालिस्तानी आतंकवाद के शुरुआती चरण में पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी तस्करी में मदद कर रहा था. पाकिस्तान में रहते हुए उसने 'गुरिल्ला युद्ध' और 'देशद्रोही' पर एक किताब भी लिखी थी. वो बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी था. इतना ही नहीं वो पंजाब की जेल में सजा भी काट चुका है.
पंजाब के दो जिलों में UAPA में था वांटेड
नारायण सिंह चौरा को 28 फरवरी, 2013 में तरनतारन जिले के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ करीब एक दर्जन केस दर्ज हैं. हमलावर पर ये भी आरोप है कि उसने 8 मई, 2010 में अमृतसर के सिविल लाइंस पुलिस थाने में विस्फोट भी किया था. इसके अलावा नारायण चौरा तरनतारन और रोपड़ जिलों में अनलॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट यानी UAPA में भी वांटेड था. हालांकि उसे 2018 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारों से जेल में कर चुका था मुलाकात
नारायण सिंह के पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोपी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भिओरा और जगतार सिंह तारा समेत प्रमुख आतंकवादियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. वो इनसे जेल में जाकर मुलाकात भी कर चुका है. इसके साथ ही वो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से भी जुड़ा हुआ है.
खालिस्तान पर भी किताब लिख चुका है आरोपी
हमलावर नारायण सिंह चौरा ने खालिस्तान पर भी एक किताब भी लिखी है. उसका शीर्षक है- 'कॉन्सिपिरेसी अगेन्स्ट खालिस्तान'. किताब के शीर्षक से ही उसके माइंडसेट का अंदाजा लगाया जा सकता है. हाल ही में नारायण सिंह को अमृतसर में पंजाब स्टेट की स्पेशल सेल ने भारी मात्रा में हथियारों के साथ पकड़ा था.
SGPC के अध्यक्ष ने क्या कहा?
वहीं इस घटना पर सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि हम अपने सूत्रों से इसकी जांच कर रहे हैं. अटैक करने वाले को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया है. गुरु राम दास ने सुखबीर सिंह बादल की जान बचाई है. हम यहां सिक्योरिटी अरेंजमेंट की व्यवस्था देख रहे हैं.
सुखबीर बादल पर क्या आरोप हैं?
सुखबीर सिंह बादल और उनकी कैबिनेट के खिलाफ अकाल तख्त ने दोष साबित किया है. आरोप है कि बादल ने ईशनिंदा के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में मदद की. इसके लिए बादल ने राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई भी नहीं की और संगत के पैसे से राजनीतिक विज्ञापन दिलवाया था. साथ ही डीजीपी सुमेध सैनी की नियुक्ति को धार्मिक रूप से गुनाह करार दिया है.
सुखबीर को अकाल तख्त ने क्या सजा सुनाई?
सिख समाज की 'सुप्रीम अदालत' यानी श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई है. वो गुरुद्वारे में सेवादारी करेंगे. बर्तन धोएंगे और पहरेदारी भी करेंगे. श्री दरबार साहिब में बने सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई भी करेंगे. जत्थेदार श्री अकाल तख्त ने बादल और उनकी पार्टी के नेताओं पर 2007 से लेकर 2017 तक अकाली दल की सरकार के समय धार्मिक गलतियों पर सजा सुनाई है. उसी सजा की भरपाई अकाली नेता सेवा करके कर रहे हैं.