पंजाब में लंबी उठापटक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और अब चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में पंजाब को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ-साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) और ओपी सोनी (OP Soni) को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है. वे दोनों डिप्टी सीएम का पद संभालेंगे.
चरणजीत सिंह चन्नी का नाम फाइनल होने से पहले रविवार तक सीएम पद की रेस में सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम सबसे आगे चल रहा था. लेकिन दोपहर होते-होते कांग्रेस ने सरप्राइज करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी का नाम फाइनल कर दिया. डिप्टी सीएम ओपी सोनी को अमरिंदर सिंह का खास माना जाता है.
पहले कैप्टन के करीबी थे सुखजिंदर सिंह रंधावा
सुखजिंदर सिंह रंधावा की बात करें तो वह जाट सिख समुदाय से आते हैं. वह तीन बार विधायक का चुनाव जीते और पंजाब की राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री (जेल और सहकारी) रह चुके हैं. सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
रंधावा किसी वक्त पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी हुआ करते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह रिश्ता खट्टा होता गया. सुखजिंदर सिंह रंधावा फिलहाल डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट से विधायक हैं. उनके पिता संतोख सिंह भी कांग्रेस में थे. वह दो बार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे थे. संतोख सिंह ने अपने कार्यकाल में कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया.
सुखजिंदर ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ में सरकारी स्कूल से की है. रंधावा ने पहली बार साल 2002 में फतेहगढ़ चूरियन सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने अकाली दल के निर्मल सिंह को पराजित किया था. वह कुल तीन बार विधायक बने हैं.
सुखजिंदर रंधावा लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. वह अकाली नेताओं पर भी निशाना साधते रहे हैं और कैप्टन से सुखबीर बादल और विक्रम मजीठिया तक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे हैं. उनको नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी माना जाता है.
ओपी सोनी कौन हैं?
सोमवार को ओपी सोनी (OP Soni) ने भी पंजाब के मंत्री के रूप में शपथ ली है. वह कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में शिक्षा मंत्री के पद पर थे. ओपी सोनी हिंदू समुदाय से आते हैं और अमृतसर सेंट्रल से विधायक हैं. वह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं और अब डिप्टी सीएम का पदभार संभालेंगे.
ओम प्रकाश सोनी को कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है. जब अमरिंदर इस्तीफा देने राजभवन आए थे, तब भी ओपी सोनी उनके साथ थे. सिद्धू से कलह के बीच जब अमरिंदर ने रात में एक मीटिंग बुलाई थी, उसमें भी ओपी सोनी शामिल थे. माना जा रहा है कि कैप्टन के करीबी को डिप्टी सीएम बनाकर कांग्रेस आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को साधने का काम किया है.