सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा है कि पिछले दिनों पंजाब के तरन तारन में पुलिसकर्मियों ने एक महिला के साथ जैसा बर्ताव किया उसे देखकर जलियांवाला बाग की याद ताजा हो उठी.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों को एक नोटिस जारी कर पुलिस सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी मांगी है.
यह नोटिस केंद्रीय गृह सचिव तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों के मुख्य सचिवों, गृह सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों को भेजी गई है.
न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी तथा न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की पीठ ने पंजाब पुलिस के महानिदेशक से तीन मार्च को तरन तारन में एक महिला को पीटने के आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में एक हलफनामा देने के लिए भी कहा है.
पीठ ने इस घटना में पुलिस अधिकारियों पर तय की गई जिम्मेदारी के विवरण भी एक सप्ताह के अंदर मांगे हैं. इस घटना को कैमरे में कैद कर लिया गया था और उसे टीवी पर प्रसारित किया गया था.
बिहार के पुलिस महानिदेशक तथा पुलिस आयुक्त को भेजे गए नोटिस में उनसे वेतन बढ़ाए जाने की मांग कर रही महिला शिक्षकों की पिटाई पर विस्तृत स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख एक अप्रैल निर्धारित करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि तरन तारन में एक दलित महिला की पिटाई देखकर भी चुप रहने वालों की संवेदनाओं को आखिर हो क्या गया है.