पंजाब के पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन पर शनिवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे हुए आतंकी हमले में खुफिया एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है. एजेंसियों ने आतंकी हमले का पाकिस्तान कनेक्शन पकड़ा है. खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान से पठानकोट में हुई 4 फोन कॉल ट्रेस की हैं.
एक कॉल में एक आतंकी पाकिस्तान में बैठी अपनी मां से बात कर रहा है. वह कह रहा है- 'मैं फिदायीन मिशन पर हूं.' उसकी मां ने उससे कहा कि बेटा मरने से पहले खाना खा लेना. फिलहाल यह साफ नहीं हो पाया है कि यह आतंकी मारा गया या फिर उन दो में शामिल है जिनके अब भी पठानकोट एयरबेस में छिपे होने की आशंका है. आतंकी के पाकिस्तान में स्थित अपने हैंडलर्स से भी बात करने का खुलासा हुआ है.
तलाशी अभियान के दौरान हुए धमाके
एयरबेस में करीब 17 घंटे तक सुरक्षाबलों का ऑपरेशन चला. इस दौरान 4 आतंकी मारे गए. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि सभी पांचों आतंकी मारे गए हैं. उन्होंने सफल ऑपरेशन के लिए सैन्य बलों की सराहना की. तलाशी अभियान के दौरान तीन धमाकों की आवाज सुनी गई. लेकिन यह साफ नहीं हो पाया कि ये धमाके सुरक्षा बलों ने किए हैं या फिर फिदायीन आतंकियों ने खुद को धमाकों से उड़ा लिया है. तीसरा धमाका दोपहर करीब पौने तीन बजे सुना गया. मुठभेड़ में एयरफोर्स का एक कमांडो और डिफेंस सर्विस कोर के दो जवान शहीद हो गए.
NIA करेगी जांच
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. उन्होंने ऐलान किया कि घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी. राजनाथ ने सेना के ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें सेना पर नाज है.
Home Minister Rajnath Singh: Desh ko apnay sena aur suraksha agencyion par naaz hai (on #PathankotAttack ) pic.twitter.com/TudYD4iNfu
— ANI (@ANI_news) January 2, 2016
सेना की वर्दी में आए आतंकी
आतंकी सेना की वर्दी में आए थे और तड़के करीब 3 बजे एयरफोर्स स्टेशन की दीवार फांदकर अंदर घुसने में कामयाब रहे. ये आतंकी दो टुकड़ियों में एयरफोर्स स्टेशन में दाखिल हुए. एक टुकड़ी रेजिडेंशियल एरिया की तरफ चली गई तो दूसरी टेक्निकल एरिया की तरफ. सूत्रों के मुताबिक ये सीमापार से आए थे. ये आतंकी आत्मघाती हमले की फिराक में थे. लेकिन जब हमले को अंजाम देने में नाकाम रहे तो आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंके और फिर जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी. इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल बताए जा रहे हैं.
Gunbattle btwn terrorists & security forces in Pathankot Air Force Station underway. 2 terrorists killed until now. pic.twitter.com/TzYXQulOfz
— ANI (@ANI_news) January 2, 2016
अजीत डोभाल कर रहे हैं निगरानी
पठानकोट में जारी ऑपरेशन की निगरानी खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने की. रक्षा मंत्री और एनएसए ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ दिल्ली में बैठक की. पठानकोट में सुरक्षा ऑपरेशन में पंजाब पुलिस के स्वैट कमांडो भी शामिल हुए.
SWAT team at #Pathankot attack site, combing operations underway (visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/ojOOT9xjpF
— ANI (@ANI_news) January 2, 2016
पंजाब में छह महीने में दूसरा बड़ा हमला
यह छह महीने में पंजाब में दूसरा बड़ा आतंकी हमला है. इससे पहले 27 जुलाई 2015 को गुरदासपुर में आतंकी हमला हुआ था. तब भी आतंकी पाकिस्तान के रास्ते ही आए थे. ये दीनानगर थाने में घुस गए थे और थाने के बगल वाली इमारत में छुपकर फायरिंग करते रहे थे. यह मुठभेड़ 12 घंटे चली थी. इसमें गुरदासपुर एसपी शहीद हो गए थे.
ऐसे बचा बड़ा हमला
इन आतंकियों को एयरफोर्स स्टेशन के घरेलू क्षेत्र में ही रोक दिया गया था. ये तकनीकी क्षेत्र तक पहुंचने में कामयाब नहीं हुए. तकनीकी क्षेत्र एयरफोर्स स्टेशन का सबसे ज्यादा सुरक्षा वाली जगह होती है. हमले के बाद पूरे पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया. पठानकोट में नाकाबंदी कर दी गई. एयरफोर्स स्टेशन के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं, दिल्ली में वायुसेना मुख्यालय में उच्च स्तरीय बैठक की जा रही है.
Security deployed outside #Pathankot Air Force Station.
(pictures deferred by unspecified time) pic.twitter.com/X3QJS2CFFI
— ANI (@ANI_news) January 2, 2016
खुफिया एजेंसियों ने चेताया था
खुफिया एजेंसियों ने नए साल पर आतंकी हमले की चेतावनी दी थी. सेना ने कहा था कि दीनानगर जैसा हमला हो सकता है. 31 दिसंबर की शाम इन्हीं आतंकियों में से कुछ ने गुरदासपुर एसपी, उनके दोस्त और कुक को अगवा कर लिया गया था. उसी रात एक शख्स का कत्ल भी किया गया. इसलिए इसे सुरक्षा में बड़ी सेंध कहा जा रहा है.
क्यों अहम है पठानकोट
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन हमारी सीमा के पास है. यहां हमारे बड़े हथियार रखे जाते हैं. युद्ध की स्थिति में पूरी रणनीति को यहां से ही अंजाम दिया जाता है. 1965 और 1971 की लड़ाई में भी इस एयरफोर्स स्टेशन ने बड़ी भूमिका निभाई थी. मिग-21 लड़ाकू विमानों के लिए यह बेस स्टेशन है.