दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिल्ली में उनके सरकारी बंगले को खाली करने के आदेश दिया हैं. जिस घर में वे रह रहे हैं वह उन्हें बतौर सांसद दिया गया था लेकिन संसद सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद उन्हें अब इस घर को खाली करना होगा. इस्टेट आफिसर ने 23 मार्च 2017 के अपने आदेश में मुख्यमंत्री को जनपथ रोड के सरकारी बंगले को खाली कर इसको सीपीडब्लूडी को सौंपने के निर्देश दिए थे.
लेकिन इस आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री ने पटियाला हाउस कोर्ट मे याचिका लगा दी. याचिका में कहा गया कि वह इस बंगले में अवैध रूप से नहीं रह रहे हैं. लोकसभा का कार्यकाल 2019 में समाप्त हो रहा है तब तक के लिए उन्हें यह बंगला आवंटित किया गया है. वहीं, इस्टेट आफिसर का कहना था कि संसद सदस्यता से 23 नवंबर 2016 को इस्तीफा देने के ठीक एक महीने बाद 23 दिसंबर 2016 को बंगले का आवंटन रद्द किया गया है. उसके बाद से ही मुख्यमंत्री अवैध रूप से इस बंगले में रह रहे हैं.
मुख्यमंत्री की तरफ से पटियाला हाउस अदालत में कहा गया कि कि वह दिल की बीमारी, उच्च रक्त चाप और शूगर की बीमारी से ग्रस्त हैं. इस वजह से उन्हें तय समय सीमा में बंगला खाली करने से छूट दी जाए. इस अपील पर फैसला आना अभी बाकी है.
हालांकि पटियाला हाउस कोर्ट ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि महज उनकी अपील लंबित होने के आधार पर उन्हें घर में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इस मामले में दिसंबर में बंगले का आवंटन रद्द करने के बाद मार्च 2017 में इस्टेट आफिसर ने मुख्यमंत्री के खिलाफ सरकारी बंगला खाली करने का आदेश पारित किया था.