पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की कोरोना रिपोर्ट तीन जगहों से तीन तरह की आई है. पहले सरकारी लैब में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, इसके बाद उन्होंने एक निजी लैब में टेस्ट कराई जहां उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई. मात्र 24 घंटे में रिपोर्ट में अंतर से जेल मंत्री हैरान हो गए, इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ PGIMER में एक बार फिर चेकिंग करवाई. इस बार भी उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है.
बता दें कि पंजाब विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हुआ है. इससे पहले सभी विधायकों और मंत्रियों का कोरोना टेस्ट जरूरी है.
इसी सिलसिले में सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 25 फरवरी को अपना कोरोना टेस्ट राज्य के स्वास्थ्य विभाग से कराया था. 25 फरवरी को MLA हॉस्टल से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उनका सैंपल लिया था. इससे पहले की इस टेस्ट का रिजल्ट आता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 27 फरवरी को एक निजी लैब में अपना टेस्ट करवाया.
अब जब इन दोनों टेस्ट के नतीजे आए तो जेल मंत्री हैरत में पड़ गए. राज्य के स्वास्थ्य विभाग से किया गया उनका टेस्ट पॉजिटिव आया लेकिन शनिवार को निजी लैब में उन्होंने जो टेस्ट करवाया था वहां से उनका टेस्ट निगेटिव आया.
बाद में शाम को उन्होंने चंडीगढ़ पीजीआई से तीसरी बार अपना कोरोना टेस्ट करवाया. उनकी ये रिपोर्ट भी निगेटिव आई.
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि वो सरकारी रिपोर्ट को देखकर हैरान थे क्योंकि ये रिपोर्ट पॉजिटिव थी, जबकि दो अन्य रिपोर्ट निगेटिव आए थे. जेल मंत्री रंधावा ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकारी टेस्ट रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री और दूसरे सीनियर अधिकारियों के साथ शेयर की है.
उन्होंने कहा कि मेरे पास अब तक कोई भी रिटेस्ट के लिए नहीं आया है. यहां तक कि सिविल सर्जन ने भी मुझे फोन नहीं किया है. उन्होंने अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के खिलाफ शिकायती लहजे में कहा कि कोरोना पॉजिटिव आने के बावजूद किसी स्वास्थ्य अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया है और न ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे बजट सत्र की कार्यवाही में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि अगर उन्हें अनुमित दी गई तो वह सदन की कार्यवाही में शामिल होंगे. बता दें कि पिछले साल अगस्त में भी सुखजिंदर सिंह रंधावा कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.