स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में तीसरे स्थान से फिसल कर बीसवें स्थान पर लुढ़का केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पानी की किल्लत के चलते कहीं स्मार्ट सिटीज की लिस्ट से भी बाहर ना हो जाए. गर्मियों का प्रकोप बढ़ते ही चंडीगढ़ के कई हिस्सों में पेयजल संकट गहरा गया है, जहां पर टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है. रविवार को चंडीगढ़ नगर निगम में शामिल किए गए 13 गांवों के लोगों ने सड़क पर इकट्ठे होकर प्रदर्शन किया.
पानी की किल्लत पर मटका फोड़ प्रदर्शन
यहां पानी की किल्लत झेल रहे लोगों ने 'हमें पानी दो... हमें पानी दो...’ के नारे लगा कर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के सामने मटका फोड़ प्रदर्शन किया. जिसमें महिलाएं ने सिर पर मटके लेकर घरों से निकलीं और चंडीगढ़ नगर निगम के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. बाद में रोष स्वरूप इन मटकों को सड़क पर फोड़ दिया गया.
‘आजतक’ ने प्रदर्शन में शामिल कई महिलाओं से बातचीत की जिनकी आंखों में आंसू थे. शहर के कई हिस्सों में पिछले 2 महीने से पानी की आपूर्ति नहीं की गई है. महिलाओं के मुताबिक गर्मियों का प्रकोप बढ़ने से पानी की खपत बढ़ जाती है लेकिन उनके पास तो पीने के पानी के भी लाले हैं.
बिल भरने के बाद भी नहीं मिल रहा पानी
गांव के पूर्व सरपंच गुरप्रीत सिंह ने कहा कि नगर निगम ने उनकी पंचायत को अपने अधिकार क्षेत्र में शामिल तो कर लिया लेकिन सुविधाएं नहीं दीं. उन्होंने कहा कि वह नगर निगम के अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट कर आजिज आ चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस रही. गुरप्रीत सिंह के मुताबिक, ‘पहले नगर निगम पानी का मासिक शुल्क 300 रुपये लेता था जो अब बढ़ा कर 3 गुना कर दिया गया है. बावजूद इसके हम सभी पानी का बिल भर रहे हैं, लेकिन फिर भी पानी नहीं दिया जा रहा.’
निजी टैंकरों से पानी खरीदने पर मजबूर लोग
स्थानीय नागरिक जसवीर कौर ने बताया कि उनके परिवार में 4 सदस्य हैं. उनके परिवार को पिछले दो महीनों से निजी टैंकर के जरिए पानी खरीदना पड़ता है. जसवीर कौर कहती हैं कि चुनाव के वक्त भारतीय जनता पार्टी के नेता वादा करके गए थे कि वह पानी की समस्या दूर कर देंगे लेकिन अब कोई पूछने वाला नहीं.
‘पानी की किल्लत से जल्दी मिलेगी निजात’
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर राजेश कालिया के मुताबिक शहर में शामिल किए गए कुछ गांवों में पानी की समस्या है जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. मेयर ने कहा है कि नगर निगम इन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुचारू करने के लिए टैंकरों की संख्या और बढ़ाई जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि पानी की पाइपलाइन फट जाने से कई जगहों पर पानी की किल्लत है जिसे सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं.