राजस्थान के भरतपुर से एक वीडियो वायरल हुआ है. बीजेपी सांसद रंजीता कोली अपने लोकसभा क्षेत्र में नदबई विधानसभा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निरीक्षण करने पहुंची थीं. जहां पर उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज डॉक्टर पवन गुप्ता से कोरोना टेस्ट को लेकर बातचीत की. इस दौरान सांसद रंजीता कोली और डॉक्टर के बीच हुई बातचीत का वीडियो वायरल हो गया.
इस वीडियो में डॉक्टर पवन गुप्ता सांसद रंजीता कोली से यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि राज्य सरकार के निर्देश पर कोरोना के आंकड़े कम किए जाते हैं और कभी बढ़ाए भी जाते हैं. साथ ही कोरोना टेस्टिंग भी कर दी जाती है. डॉक्टर के इस बयान पर सांसद नाराजगी दिखाते हुए कहती हैं कि अगर कोरोना के आंकड़ों को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है और टेस्टिंग भी नहीं कराई जा रही है तो राज्य सरकार आम जनता के साथ बड़ा धोखा कर रही है.
यह घटना कुछ दिन पहले की बताई जा रही है, जब बीजेपी सांसद रंजीता कोली कोरोना महामारी को लेकर नदबई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निरीक्षण करने पहुंची थी. सांसद रंजीता कोली ने बताया कि उन्होंने एक शख्स से स्वास्थ्य केंद्र का हाल चाल जानने की कोशिश की थी. तब उसने बताया था कि वो स्वास्थ्य केंद्र कोरोना की जांच के लिए आया था पर उसकी जांच नहीं हुई.
जब उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज पवन गुप्ता से यह पूछा कि कोरोना की जांच क्यों नहीं हो रही है तो उन्होंने सांसद को बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर कोरोना की टेस्टिंग कम कर दी जाती है, आंकड़ों को कम दिखाया जाता है और कभी बढ़ा दिया जाता है. लेकिन मेरा कहना है कि कोरोना की टेस्टिंग लगातार होती रहनी चाहिए और आंकड़ों को नहीं छुपाया जाना चाहिए. यदि राज्य सरकार ऐसा करती रही है तो यह जनता के साथ धोखा है जबकि राज्य सरकार कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए पहले से ही विफल साबित हो गई है. यदि राज्य सरकार की ऐसी ही मंशा रही तो कोरोना पर कैसे काबू पाया जा सकेगा.
वहीं नदबई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज डॉ पवन गुप्ता ने अपनी सफाई में बताया कि सांसद रंजीता कोली केंद्र का निरीक्षण करने आई थीं. उसी बीच एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें मेरी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है और मैंने राज्य सरकार व कोरोना की टेस्टिंग और आंकड़ों पर कोई सवाल नहीं उठाए थे.