सफेद कुर्ता-पायजामा धारण करने वाले राजस्थान कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान में केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री सीपी जोशी सख्त अंदाज में, लेकिन सीधी-सपाट ढंग से बात करना पसंद करते हैं. इसलिए अक्सर उन्हें लोग अक्खड़ या मुंहफट भी कहते हैं.
जोशी स्पष्ट कहते हैं कि 'अगर भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना है, तो सरकार के साथ-साथ आम नागरिकों को भी पहल करनी होगी, सिर्फ सरकार को कोसने या आंदोलनों से भ्रष्टाचार का खात्मा नहीं किया जा सकता.
राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता के शिखर तक पहुंचाया
राजस्थान में भाजपा के सत्ता में रहते उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिली, तो फिर कांग्रेस को सत्ता के शिखर तक पहुंचाया, लेकिन खुद एक वोट से हार मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो गए. इस चुनाव का सबसे दिलचस्प पहलु यह रहा कि नाथद्वारा सीट के चुनाव में उनकी पत्नी, मां और ड्राइवर ही अपना वोट नहीं डाल पाए थे.
भीलवाड़ा से सांसद हैं जोशी
शनिवार-रविवार की अपनी छुट्टियां वे खास तौर से संसदीय क्षेत्र की जनता के लिए रखते हैं. फिलहाल वे भीलवाड़ा से सांसद हैं, लेकिन उनका दिल आज भी नाथद्वारा के लिए धड़कता है. एक वोट की वह हार जोशी के दिल को आज भी कचोटती है, इसलिए अब मुख्यमंत्री पद का अपना सपना साकार करने के लिए वे केंद्र की राजनीति में अपनी कुशलता का दमखम दिखा रहे हैं.
राहुल गांधी के हैं करीबी
राहुल गांधी के करीबियों में गिने जाने वाले जोशी के पास कुछ विश्वस्तों और नौकरशाहों की एक ऐसी कोर टीम है, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मजबूती और कमजोरियों पर हमेशा पैनी नजर बनाए रखती है और जिसकी करीबन हर पखवाड़े गोपनीय बैठक होती है.
मुख्यमंत्री पद से महरूम होने की व्यथा यदा-कदा उनकी जुबां से दर्द के रूप में छलक ही पड़ती है. कुछ महीने पहले की ही बात है गहलोत की मौजूदगी के दौरान उन्होंने बेहिचक कहा था कि मैं पहले अशोक गहलोत का फॉलोअर था. लेकिन अब फॉलोअर नहीं, सहयोगी हूं.