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आरक्षण आंदोलन से पहले मान ली गईं तीन मांगें, क्या थमेगा गुर्जर आंदोलन?

रास्थान के दौसा में शुक्रवार को एक बैठक हुई. जिसमें फैसला लिया गया कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इस आंदोलन का अगुवाई करेंगे.

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एक नवंबर से रेल-सड़क रोकेंगे गुर्जर समाज के लोग (फाइल फोटो)
एक नवंबर से रेल-सड़क रोकेंगे गुर्जर समाज के लोग (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरक्षण की मांग को लेकर एक नवंबर से करेंगे आंदोलन
  • रेल और सड़क जाम करने की दी है धमकी
  • मंत्रिमण्डलीय समिति में मान ली गईं तीन मांगें

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण की मांग को लेकर एक नवंबर से फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उन्होंने गहलोत सरकार को रेल और सड़क जाम करने की धमकी दी है. ये लोग प्रदेश सरकार की अनदेखी से नाराज हैं. राजस्थान के दौसा में इसी मुद्दे को लेकर शुक्रवार को एक बैठक हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इस आंदोलन का अगुवाई करेंगे. उन्होंने गुर्जर समाज के लोगों से एक नवंबर को पीलूपुरा पहुंचने और रेल और सड़क मार्ग ब्लॉक करने को कहा है. इन लोगों ने राष्ट्रीय राज मार्ग 21 को अवरुद्ध करने का प्लान तैयार किया है. 

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इससे पहले गुरुवार को मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक हुई. इस बैठक में राज्य सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की तीन प्रमुख मांगों पर सकारात्मक फैसला किया. बैठक में संघर्ष समिति की मांगों के सम्बन्ध में विचार-विमर्श करके तीन प्रमुख बिन्दुओं पर निर्णय किया गया.

इसके तहत अति पिछड़ा वर्ग के जिन 1252 अभ्यर्थियों का परिवीक्षाकाल पूर्ण हो चुका है उन सभी अभ्यर्थियों को राज्य सरकार द्वारा परिवीक्षावधि पूर्ण होने पर ‘रेगुलर पे-स्केल’ दी जाएगी. वहीं अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण से संबंधित प्रावधान को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक बार फिर केंद्र सरकार को तत्काल लिखा जाएगा.

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इसके साथ ही गुर्जर आंदोलन के दौरान घायल हुए जिन तीन लोगों की बाद के वर्षों में मौत हो गयी थी, उनके परिवारों को सामाजिक स्तर पर सहायता जुटाकर पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. हालांकि संघर्ष समिति के सदस्यों ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था. उन्होंने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए बैठक से दूरी बनाए रखी.

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गुर्जर समाज के नेता विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज के नेताओं की अनदेखी की वजह से हमलोग बीच में फंसे हुए हैं. अगर हमारे समाज के नेता  अब तक हमारी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत के सामने गए होते और उनसे कहा होता कि वो तभी समर्थन करेंगे जब उनके समाज के लोगों की मांगें मानी जाएंगी तो आज फिर से आंदोलन करने की स्थिति ही नहीं बनती. 

उन्होंने कहा कि अब गुर्जर समाज के लोग सरकार के प्रतिनिधियों से बात नहीं करेगी. अब हमलोग एक नवंबर से पीलूपुरा में रेल रोकेंगे और दौसा में एनएच 21 को अवरुद्ध करेंगे. अब जो भी फैसला होगा सड़क पर ही होगा.

गुर्जर समाज के लोग एक नवंबर से आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. अब स्थिति यही रह गई है कि या तो सरकार उससे पहले पहले हमारी मांगें मान ले या हमलोग आंदोलन के लिए तैयार बैठे हैं. उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के इस आंदोलन के लिए सरकार जिम्मेदार है. 

गुर्जर आंदोलन को देखते हुए जयपुर जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम छह बजे से जयपुर जिले के कोटपूतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर व जमवा रामगढ़ व इनके आस-पास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. टू​जी, थ्रीजी, फोरजी डाटा सर्विस और बल्क एसएमएस पर 24 घंटे के लिए प्रतिबंध लागू रहेगा. 

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