दुनिया भर में आपसी प्रेम और भाईचारा का पैगाम देने वाले अजमेर शऱीफ हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का 805 वां उर्स अनौपचारिक रूप शुरू हो गया है.
मंगलवार को भोर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जन्नती दरवाज़े को खोल दिया गया है. मुरादों को पूरा करनेवाले इस जन्नती दरवाजे को उर्स में ही खोला जाता है. देर रात से ही दरवाजा खुलने का हजारों ज़ायरीन इंतजार कर रहे थे.
अकीदतमंदों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की और से भारी जाप्ता भी लगाया गया है. ज़ायरीन की भारी संख्या से भीड़ में भगदड़ से बचने के लिए जन्नती दरवाज़े के आस पास रस्सियां बांधकर भीड़ को रोका गया है. यदि ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स यानी रजब मैश का चांद नहीं दीखता है तो ये जन्नती दरवाज़ा बंद कर दिया जाएगा और फिर से मंगलवार अल सुबह इस दरवाज़े को खोला जायगा.
उर्स के दौरान अजमेर शरीफ में लाखों जायरीन पहुंचे हुए हैं. अजमेर शरीफ में पहुंचने के लिए भारत सरकार की तरफ से दर्जनों उर्स स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं है.
उर्स के पाक समय के दौरान देश की नामी-गिरामी हस्तियां अपना चादर पेश करने के लिए भेजती हैं. पहले दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की तरफ से दरगाह शरीफ पर चादर पेश करने के लिए अजमेर भेजा गया है.