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अकबर महान नहीं, बाहरी शासक था: वासुदेव देवनानी

राजस्थान के प्राथमिक शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी स्कूल की किताबों को दोबारा लिखना चाहते हैं. उनका मानना है कि इन किताबों में बहुत ज्यादा विदेशी शासकों और व्यक्त‍ित्व के बारे में लिखा गया है. जैसे किताबों में अकबर और इसैक न्यूटन के बारे में तो खूब है, लेकिन महाराणा प्रताप और आर्यभट्ट के बारे में नहीं है.

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प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी

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राजस्थान के प्राथमिक शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी स्कूल की किताबों को दोबारा लिखना चाहते हैं. उनका मानना है कि इन किताबों में बहुत ज्यादा विदेशी शासकों और व्यक्त‍ित्व के बारे में लिखा गया है. जैसे किताबों में अकबर और इसैक न्यूटन के बारे में तो खूब है, लेकिन महाराणा प्रताप और आर्यभट्ट के बारे में नहीं है.

उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान ये तक कह डाला कि अकबर महान नहीं, बल्कि एक बाहरी शासक था. उन्होंने कहा कि ब्रिटि‍श और मुस्लमान शासकों ने हमारे देश में आकर शासन किया. उनकी इस बात ने सोशल मीडि‍या में हलचल मचा दी. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप महान थे, लेकिन उनके बारे में किताबों में ज्यादा कुछ नहीं है.

राजस्थान में शिक्षा मंत्री का पद संभालते ही वासुदेव ने सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य कर दिया था. इनका मानना है कि शिक्षा में सुधार की बहुत जरूरत है.

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उनके किताबों से विदेशी शासकों, वैज्ञानिकों, गणितज्ञों के लंबे-लंबे अध्यायों को बदले के फैसले को लेकर सोशल मीडिया में भी बहुत हंगामा मचा है, जिसे लेकर वासुदेव कहते हैं कि ये मैं अपनी मर्जी से नहीं करूंगा. इस फैसले के लिए एक कमेटी गठित होगी और तब नई किताबों का सिलेबस बनेगा.

वो कहते हैं कि विदेशी हमारे ऊपर शासन करके चले गए और हम उसकी कहानियां अपने बच्चों को सुनाते हैं. हम विदेशियों द्वारा बनाए एरोप्लेन की कहानी बताते हैं, लेकिन अपने पुष्पक विमान की चर्चा क्यों नहीं करते हैं?

उनका कहना है कि वह न्यूटन और अन्य बड़े वैज्ञानिकों, गणितज्ञों को पढ़ाना बंद करने की बात नहीं करते हैं, लेकिन भारतीयों की उपलब्धियों को बच्चों तक लाना चाहते हैं. हमारे नेशनल हीरो के बारे में स्कूलों में कम पढ़ाया जाता है.

उन्होंने कहा, 'जब मैंने पिछले साल चार्ज लिया था तो कोई आखिर में कोई भी बदलाव देना मुश्किल था. इस प्रक्रिया में वक्त भी लगना था. इस बार कमेटी बनेगी फिर किताबों का सिलेबस तैयार होगा और प्र‍िंटिंग के लिए जाएगी.

उन्होंने कहा कि वह इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ में भी बदलाव देंगे. इसके अलावा वह सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी की व्यवस्था करेंगे. अब से सरकारी स्कूलों में भी एलकेजी और हाइकर केजी होगा.

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