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भारत सरकार के मंत्री करतारपुर न जाते तो क्या इमरान अपना भाषण बदल देते: शाह

करतारपुर मामले को लेकर देश में छिड़ी सियासी उठापटक के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार के मंत्री करतारपुर न जाते तो क्या इमरान अपना भाषण बदल देते? शाह गुरुवार को राजस्थान चुनावों पर आजतक के खास कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' में बोल रहे थे.

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आजतक के मंच पर अमित शाह
आजतक के मंच पर अमित शाह

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करतारपुर मामले को लेकर देश में छिड़ी सियासी उठापटक के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार के मंत्री करतारपुर न जाते तो क्या इमरान अपना भाषण बदल देते? शाह गुरुवार को राजस्थान चुनावों पर आजतक के खास कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' में बोल रहे थे.

आजतक की ओर से राहुल कंवल ने बीजेपी अध्यक्ष से पूछा कि ऐसे वक्त में जब आप कह रहे हैं कि आप पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे तो आपने पाक पीएम इमरान खान को मौका क्यों दिया कि वे कश्मीर पर भारत को भाषण दे सकें?

सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि क्या भारत सरकार के मंत्री करतारपुर न जाते तो क्या इमरान अपना भाषण बदल देते या नहीं देते. हम करतारपुर में गुरूनानक देव जी के प्रति भारत के लोगों की श्रद्धा की अभिव्यक्त‍ि के लिए गए थे.

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बता दें कि बीजेपी की ही मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के मौके पर गए थे.

कांग्रेस पर लगाए करतारपुर का ध्यान न रखने का आरोप

शाह ने चर्चा के दौरान करतारपुर के मुद्दे पर शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बंटवारे के वक्त सरहद से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव करतारपुर को नहीं लिया. यह काम कांग्रेस ने कर लिया होता तो आज देश को नानक जी की जन्मस्थली पर पहुंचने के लिए पाकिस्तान नहीं जाना पड़ता.

शाह बोले- अच्छा हुआ अर्थशास्त्री देश का वित्तमंत्री नहीं है

शाह ने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के नोटबंदी को एक त्रासदी बताए जाने से जुड़े बयान को लेकर कहा कि अच्छा है कि एक अर्थशास्त्री देश का वित्तमंत्री नहीं है. वरना देश का कुछ भी हो सकता था.

शाह ने कहा कि नोटबंदी को डिजास्टर कहना उनका एक विचार था. अच्छा हुआ कि वो वित्तमंत्री नहीं है. नहीं तो गलत फैसले ले लेते. वित्तमंत्री बड़ा या फिर आर्थिक सलाहकार यह हमें समझना चाहिए.

'हनुमान जी दलित' मामले पर बचते नजर आए शाह

शाह ने हनुमान के दलित आदिवासी होने के सवाल पर कहा कि, " हनुमान दलित हैं जैसी टिप्पणी मुझे अनुचित नहीं लगती, आपको योगी से पूछना चाहिए. उन्होंने रामायण के एक पक्ष को अपने हिसाब से बताया है."

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शाह के मुताबि‍क, योगी एक बड़े सूबे के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने हनुमान का वर्णन किया है वो बेहतर बता पाएंगे. उन्होंने कहा कि दलित जाति नहीं होती. मीडिया उसे गलत तरह से दिखा रहा है. यदि मीडिया को अनुचित लगता है तो उन्हें योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहिए.

“ To get latest update about Rajasthan elections SMS RJ to 52424 from your mobile. Standard SMS Charges Applicable ”

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