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राजस्थान: खेल मंत्री अशोक चांदना का यू टर्न, CM गहलोत के प्रति ठंडे पड़े तेवर

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी सुर के एक दिन बाद ही खेल मंत्री अशोक चांदना के तेवर नरम पड़ गए.

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राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना. फोटो- फेसबुक
राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना. फोटो- फेसबुक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अशोक चांदना CM के खिलाफ गुस्से में थे
  • ट्वीट में सीएम को अभिभावक बताया

राजस्थान कांग्रेस में कब क्या हो जाए कुछ भी कहना मुश्किल है. हाल ही में खेल मंत्री अशोक चांदना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट में प्रमुख सचिव कुलदीप रांका के खिलाफ लिखते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी. ट्वीट में वे सीएम के प्रति खासे नाराज दिख रहे थे. लेकिन, एक बार फिर चांदना के तेवर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति नरम हो गए.

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खेल मंत्री ने नए ट्वीट में लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान कांग्रेस परिवार के अभिभावक हैं. उन्होंने लिखा, माननीय मुख्यमंत्री जी से सभी विषयों पर सार्थक एवं लंबी चर्चा हुई. वे राजस्थान कांग्रेस परिवार के अभिभावक हैं. जो निर्णय करेंगे वो सही करेंगे. बीजेपी अपना घर देखे, कांग्रेस परिवार मिशन 2023 के लिए एकजुट और लामबंद है. दरअसल, सीएम से मुलाकात के बाद खेल मंत्री अशोक चांदना के तेवर नरम पड़ गए हैं.

गौरतलब है कि गुरुवार को खेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा था, माननीय मुख्यमंत्री जी, मेरा आपसे व्यक्तिगत अुरोध है कि मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री हैं.

अन्य नेता भी दिखा चुके हैं बागी तेवर 
इसके पहले भी कांग्रेस के तीन विधायक सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, चित्तौड़गढ़ के बेगू से आनेवाले कांग्रेस विधायक राजेंद्र विधूडी ने कहा था कि इस सरकार में कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है. इस सरकार में कोई विधायक चुनाव नहीं जीतेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत... पुलिस वालों को बूथ पर बैठाकर चुनाव जिता लेना और जीतने का नकली सर्टिफिकेट बना कर दे देना.

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कांग्रेस विधायक ने कहा था कि रीट पेपर आउट मामले की जांच सरकार सीबीआई से नहीं करवा रही है, क्योंकि मंत्री को जेल जाने से बचाना चाह रहे हैं. ऐसे ऐसे लोगों को मंत्री बना दिया जो चुनाव हार रहे हैं और दो-दो बार के जीते हुए विधायक घूम रहे हैं. पुलिस थानों में तस्करी हो रही है मगर कोई सुननेवाला नहीं है. 

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