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अशोक गहलोत से मुलाकात करने जयपुर जा रहे पंजाब के सीएम चन्नी, क्या हैं सियासी मायने?

सीएम अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के सम्मान में भोज का आयोजन किया है. खास बात है इस भोज में राजस्थान के सभी मंत्रियों और विधायकों से भी उपस्थित रहने के लिए कहा गया है.

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अशोक गहलोत ने चन्नी के लिए लंच का किया आयोजन (फाइल फोटो)
अशोक गहलोत ने चन्नी के लिए लंच का किया आयोजन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान के सभी मंत्रियों को भी बुलाया गया भोज में
  • सीएम चन्नी को दलित नेता के तौर पर पेश करना चाहती है कांग्रेस

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मंगलवार यानी 5 अक्टूबर को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात करने के लिए जयपुर जा रहे हैं. पहले इसे निजी दौरा बताया जा रहा था. कहा गया था कि चन्नी अपने बेटे की शादी का आमंत्रण देने के लिए अशोक गहलोत के पास आ रहे हैं. लेकिन अब राजस्थान सीएम के दफ्तर से इसे आधिकारिक यात्रा बताया गया है. 

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इतना ही नहीं, सीएम अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के सम्मान में भोज का आयोजन किया है. खास बात है इस भोज में राजस्थान के सभी मंत्रियों और विधायकों से भी उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. 

मंत्रियों ने रद्द किया दौरा

राजस्थान के सभी मंत्रियों को उनके प्रभार वाले जिलों में भेजा गया था. उन्हें वहां 4 और 5 अक्टूबर को जाना था. लेकिन सभी मंत्रियों के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. सभी को जयपुर बुलाया गया है. अब मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में 7-8 अक्टूबर को जाएंगे. 

चन्नी को दलित नेता के रूप में किया जाएगा पेश

चरणजीत सिंह चन्नी के इस दौरे के कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के लिए कहा है. दरअसल, चन्नी को देश में दलित नेता के रूप में स्थापित करने की योजना बनाई गई है. इस योजना के पीछे गहलोत ही काम कर रहे हैं. चन्नी को दलित नेता के तौर पर स्थापित करने का जिम्मा भी गहलोत को ही मिला है. इसी के तहत चन्नी ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. 

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अशोक गहलोत चन्नी को सिखाएंगे गुर

वहीं, दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस को डर है कि अमरिंदर सिंह के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू भी बगावत कर सकते हैं. ऐसे में चन्नी को फ्लोर टेस्ट के गुर सीखने के लिए अशोक गहलोत के पास भेजा जा रहा है. हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय राजनीति से दूर हैं, ऐसे में वे एक बार फिर अपनी सक्रियता आलाकमान को दिखाना चाहते हैं. 

 

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