राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जा रहे हैं. जब से एक कार्यक्रम में शिक्षकों ने इस बात को स्वीकार किया है कि ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं, अशोक गहलोत के लिए जवाब देना भी मुश्किल हो रहा है. वे लगातार इस बात को सिर्फ नकार रहे हैं. अब उन्होंने फिर अपनी तरफ से सफाई पेश की है.
सीएम गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस सरकार में तो भ्रष्टाचार है ही नहीं . लेकिन इसे इस तरह से प्रचारित किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग में बिना पैसे के ट्रांसफ़र नहीं होते हैं जो ठीक नहीं है. राजस्थान में भ्रष्टाचार है तो कलेक्टर भी पकड़े जा रहे हैं और बड़े बड़े अधिकारी पकड़े जा रहे हैं. पहले जब बीजेपी की सरकार थी, तब ये सब छूट जाते थे.
जानकारी के लिए बता दें कि दो दिन पहले हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षकों से पूछा था कि क्या पैसे लेकर ट्रांसफर होता है तो सभी शिक्षकों ने हां में जवाब दे दिया था. इसी वजह से विपक्ष ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया और सरकार को घेरने का काम किया.
वैसे गुरुवार का दिन इसलिए भी खास रहा क्योंकि अशोक गहलोत ने पायलट गुट के कुछ नेताओं से मुलाकात की. इस पर गहलोत ने बताया कि पूरे 115 विधायक राजस्थान के प्रभारी अजय माकन से मिले और सबने कहा कि सरकार के कामकाज से हम खुश हैं. इसलिए कांग्रेस में कोई गुटबाज़ी नहीं है.पूरी कांग्रेस एक है .कांग्रेस में कोई खेमा नहीं है बल्कि गुटबाज़ी और खेमा BJP में है.
अब अशोक गहलोत जरूर ये विश्वास जता रहे हैं लेकिन कुछ आंकड़े उनके खिलाफ जाते हैं. दो बार जनता उन्हें नकार चुकी है. राजस्थान में ज्यादातर पांच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज है. ऐसे में गहलोत के लिए फिर वापसी करना चुनौती है.