राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को बीसीसीआई की कार्यप्रणाली पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की बीसीसीआई दूसरों के हाथों में खेल रही है और राजस्थान क्रिकेट संघ की आड़ में ललित मोदी से बदला लेना चाह रही है. इसके लिए हम राज्य के क्रिकेट को बलिदान नहीं होने देंगे. न्यायालय ने कहा की ललित मोदी के इस्तीफे से लगता है की एक मायने में मोदी ने खेल के लिए पद का बलिदान किया है और क्रिकेट से बाहर हो गए हैं.
बीसीसीआई के अधिवक्ता ने कहा कि अगर राजस्थान क्रिकेट संघ (RCA) को बहाल किया तो ललित मोदी भविष्य में चुनाव लड़के वापस आ सकते हैं इसलिए हम बहाल नहीं करेंगे. जिसपर न्यायालय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आरसीए का निलंबन रद्द कर खेल बहाल करने को कहा है. कोर्ट ने निर्णय लेने का समय देते हुए फैसला पेश करने के लिए 17 नवम्बर का समय निर्धारित किया है. न्यायालय ने आदेश में यह भी लिखा की अगर बीसीसीआई चाहे तो अपनी अशंकाओं के अनुरूप कोई भी शर्त लगा कर बहाली कर सकती है.
राजस्थान क्रिकेट संघ के सचिव के अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने न्यायालय को बताया था की बीसीसीआई की दो आपत्तियां थीं. इसमें एक में कहा था कि ललित मोदी को नागौर ज़िला संघ से बाहर किया जाए और ललित के पक्ष में राजस्थान क्रिकेट संघ द्वारा बीसीसीआई के खिलाफ दायर दावे वापस लिए जाएं, जो किया जा चुका है. इस पर न्यायालय ने बीसीसीआई के अधिवक्ता से पूछा कि क्यों नहीं बीसीसीआई स्वतः निर्णय ले लेता क्योंकि अब कोई गतिरोध नहीं है.