आरक्षण के खिलाफ भारत बंद का आज ना कोई चेहरा है और ना कोई संगठन है. इसके बावजूद इसका असर राजस्थान में व्यापक दिख रहा है. जयपुर में पुरानी गुलाबी नगर से लेकर बाहरी इलाकों तक सब बंद है. यही हाल राजस्थान के दूसरे हिस्सों का भी है. हालांकि सड़क पर हर जगह लगातार बीएसएफ, रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस की टुकड़ियां गश्त कर रही हैं.
राजस्थान में बीएसएफ की कुल 20 कंपनियां लगाई गई हैं. सात रिजर्व अर्द्धसैनिक बल की कंपनियां केंद्र से मांगी है. तीन रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां लगाई गई है. साथ ही पूरी पुलिस फोर्स और आरएसी को सड़कों पर तैनात किया गया है.
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जयपुर, जालोर, सीकर, जैतारण में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं, जबकि जयपुर, बाड़मेर, अलवर. गंगापुर सिटी, हिंडौन सिटी, सियाना और सीकर में धारा 144 लगा दी गई है. अलवर में तो 15 अप्रैल तक धारा 144 लागू रहेगी.
दरअसल 2 अप्रैल में दलित आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए सरकार ने ये कदम उठाया है. इस आंदोलन में कोई चेहरा और संगठन नहीं होने की नजह से सरकार डरी हुई है कि कहीं कोई अफवाह बुरी शक्ल न ले ले.
बता दें कि भारत बंद को देखते हुए देशभर में गृहमंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों की 30 कंपनियों को तैनात किया है. इसमें 14 कंपनी अर्धसैनिक बल की उत्तर प्रदेश में, 4 कंपनी सीआरपीएफ की मध्यप्रदेश में, 8 कंपनी CRPF की राजस्थान में और बिहार में CRPF की 4 कंपनियां तैनात की गई हैं.
गृह मंत्रालय ने सोमवार को ही सभी राज्यों को एडवाइज़री जारी की थी. इसमें डीएम और एसपी को अलर्ट जारी किया गया था और बंद के दौरान सतर्क रहने को कहा गया था. आपको बता दें कि ये बंद किसी संगठन के द्वारा नहीं बुलाया गया है. बल्कि 2 अप्रैल के बाद लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों के जरिए ही बुलाया गया है.