अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने बुधवार को जयपुर में मिड-डे मिल बनानेवाले दुनिया के सबसे बड़े रसोई घर का दौरा किया और सरकारी स्कूल में जाकर बच्चों को मिड-डे मिल खिलाया. यह रसोई घऱ मिड-डे मील योजना के तहत देशभर में रोजाना 10 लाख से अधिक स्कूली बच्चों को खाना खिलाता है.
क्लिंटन का एनजीओ क्लिंटन ग्लोबल एनिशिएटिव और क्लिंटन फाउंडेशन की तरफ से मिड-डे मील के लिए पैसा मिलता रहा है. क्लिंटन ने इस मौके में मिड डे मिल के लिए दो मिलियन डॉलर (12 करोड़ रुपये) देने की घोषणा की. स्कूली बच्चों ने हाल ही में नाना बने क्लिंटन को उनके नाती के लिए गिफ्ट भी दिया.
तीसरी बार जयपुर आए क्लिंटन को गुलाबी शहर बेहद भाता है. क्लिंटन जयपुर के बच्चों के मिड-डे मील के लिए अपने एनजीओ से आर्थिक मदद देते रहते हैं और उसी की व्यवस्था देखने तीन दिनों के लिए जयपुर पहुंचे हैं. क्लिंटन ने बुधवार को अक्षय पात्र संस्था के दुनिया के सबसे बड़ी रसोई को देखा जहां रोजाना सवा लाख बच्चों के लिए मिड डे मील बनता है और सरकारी स्कूलों में पहुंचाया जाता है. क्लिंटन देखा कि किस तरह से हर घंटे यहां 40 हजार रोटियां बनती है.
इसके बाद क्लिंटन एक सरकारी स्कूल पहुंचे. आधी बांह की पीली कमीज और खाकी पतलून में पहुंचे क्लिंटन का हाथ में अमेरिका और भारत का झंडा थामे स्कूली बच्चों ने स्वागत किया. पूर्व यूएस प्रेसिडेंट ने बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा और उनसे बातें की.
क्लिंटन के साथ उनकी संस्था के लिए दान देने वाले 60 लोगों की टीम भी भारत आई है. राष्ट्रपति रहते क्लिंटन जयपुर आए थे तो नायला गांव दुनिया भर में मशहूर हुआ था. फिर जब 2001 में आए थे तो यहां की हवेलियों और महलों के संरक्षण के लिए काम किया था और इस बार मिड-डे मील जैसी जरूरी योजना के लिए आए हैं.