राजस्थान के करौली में पुजारी को जिंदा जलाए जाने की वारदात को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. ये तीनों सदस्य शनिवार को करौली पहुंचकर मामले की विस्तृत जानकारी जुटाएंगे. बाद में ये सदस्य अपनी रिपोर्ट तैयार कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया को सौपेंगे. जिन तीन लोगों को कमेटी का सदस्य बनाया गया है उसके नाम इस प्रकार हैं- जयपुर सिटी के सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व विधायक अलका सिंह गुर्जर और पूर्व प्रदेश जनरल सेक्रेटरी जितेंद्र मीणा.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने करौली की घटना को लेकर राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने पूछा कि क्या आप राजस्थान को बंगाल बनाना चाहते हो? केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्विटर पर लिखा, "करौली में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जला देना राजस्थान की दुर्दशा का हाल बता रहा है. अशोक जी राजस्थान को बंगाल बनाना चाहते हो या राज्य जिहादियों को सौंप दिया है! या इसका भी ठीकरा अपने राजकुमार की तरह मोदी जी या योगी जी पर फोड़ोगे?! षड्यंत्रों से समय मिले तो काम भी कर लें!."
वहीं सीएम अशोक गहलोत ने इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि सपोटरा, करौली में बाबूलाल वैष्णव जी की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है. सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है. प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है. घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं कार्रवाई जारी है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
बता दें, ये पूरा मामला जमीन पर कब्जे को लेकर है. आरोप है कि दबंगों ने जमीन पर कब्जा करने के मामले में पुजारी को जलाकर मार डाला. फिलहाल, परिवार जयपुर के एमएसएस अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गया है. मौके पर पहुंचे पुलिस अफसर और परिवार के बीच बातचीत चल रही है. सपोटरा एसएचओ को सस्पेंड करने का निर्णय लिया जा सकता है. साथ ही शव को सुरक्षा में करौली पहुंचाया जायेगा. मामले की जांच के लिए उच्च अधिकारी करौली जा सकते हैं
राजधानी जयपुर और करौली जिले में पुजारियों और ब्राह्मण समाज इस वारदात को लेकर काफी नाराज हैं. ब्राह्मण समाज, पुजारी संघ, बजरंग दल, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है. इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई है.