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वसुंधरा और अमित शाह की मुलाकातः सरकार में फेरबदल के आसार

राजस्थान के उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी में संगठन और सरकार के स्तर पर बदलाव की मांग हो रही है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार में तालमेल की कमी की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है.

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वसुंधरा राजे और अमित शाह
वसुंधरा राजे और अमित शाह

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राजस्थान में बीजेपी सरकार और पार्टी दोनों में बड़ा बदलाव कर सकती है. रविवार को अचानक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दिल्ली बुलाया और साथ में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव इस बैठक में शामिल हुए. अब माना जा रहा है कि दिसंबर में होने वाले चुनाव को देखते हुए बीजेपी सरकार और संगठन में बदलाव करने जा रही है.

राजस्थान के उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी में संगठन और सरकार के स्तर पर बदलाव की मांग हो रही है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार में तालमेल की कमी की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है. उपचुनाव में हार के बाद राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी की छुट्टी तय मानी जा रही है, लेकिन इस बात पर सहमति नहीं बन पा रही थी कि परनामी के हटाए जाने के बाद राजस्थान बीजेपी कमान किसको दिया जाए.

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सूत्रों के अनुसार बीजेपी आलाकमान दलित नेता के नाम पर केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल या परनामी की जगह वैश्य समुदाय के सांसद ओम बिड़ला को प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष बनाना चाहती है, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पसंद राज्य के शहरी विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी हैं, जिनके लिए केंद्र राजी नहीं हो रहा है.

इसके अलावा राज्य के मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर भी चर्चाओं का दौर चल रहा है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रामनवमी के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की बात कही थी, लेकिन केंद्र से हरी झंडी नहीं मिलने की वजह से मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने के प्रयास भी रुक गए हैं.

माना जा रहा है कि जिन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी की करारी हार हुई है, उन मंत्रियों को छुट्टी कर जातिगत समीकरण बैठाते हुए कुछ नए मंत्री शामिल किए जा सकते हैं.

हाल ही में बीजेपी में वापसी करने वाले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी को शामिल किया जा सकता है. बीजेपी से नाराज चल रहे ब्राह्मण नेता घनश्याम तिवाड़ी की मंत्रिमंडल में वापसी पर भी चर्चा चल रही है.

कहा जा रहा है कि अमित शाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बैठक के दौरान अर्जुन मेघवाल को भी बुलाया गया था. इस मीटिंग के बाद वसुंधरा राजे जयपुर आने के बजाय सीधे धौलपुर अपने घर चली गई हैं. इसे लेकर भी कई तरह के कयास राजनीतिक गलियारों में लगाए जा रहे है. हालांकि बीजेपी ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही रहेंगी और राज्य में नेतृत्व बदलने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहा है यह भी साफ हो गया है कि वसुंधरा राजे को अब फ्री हैंड नहीं मिलने वाला है.

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