कोरोना संकट के बीच राजस्थान में ब्लैक फंगस तेजी से पैर पसारता जा रहा है. एक सप्ताह में ही ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 700 से बढ़कर 1,400 हो गई है. राजस्थान का कोई भी जिला ऐसा नहीं है जहां ब्लैक फंगस के मरीज न हों.
राज्य के सभी 33 जिलों में ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं. राजस्थान सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है मगर इसके बावजूद इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
राज्य में अब तक 50 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीजों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद जयपुर में पिछले 48 घंटे से किसी भी अस्पताल में ब्लैक फंगस का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है जिसकी वजह से कई मरीजों की हालत नाजुक हो गई है.
दो दिन पहले भी अगर किसी अस्पताल में 100 मरीज थे तो वहां 50 इंजेक्शन भेजे गए थे, जो 10 मरीजों में ही खत्म हो गए थे.
इसे भी क्लिक करें --- डोज की वास्तविकता: 23 में से 21 राज्यों में अप्रैल के मुकाबले मई में वैक्सीनेशन धीमा, दिल्ली-असम में तेज
अधिकारियों ने बताया कि ब्लैक फंगस का इंजेक्शन केंद्र सरकार राज्यों को भेजती है और राज्य सरकारें अस्पतालों को आवंटित करती है. दो दिन पहले मुंबई से राजस्थान ब्लैक फंगस के इंजेक्शन कार्गो से आने थे मगर फ्लाइट में दिक्कत हो गई. बाद में सड़क रास्ते से इंजेक्शन आ रहे थे, लेकिन उदयपुर के पास ऋषभदेव में गाड़ी भी खराब हो गई. हालांकि, किसी तरह राज्य सरकार ने इंतजाम कर आज इंजेक्शन जयपुर भेज दिए हैं. जल्द ही इंजेक्शन को अस्पतालों में भेज दिया जाएगा.