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राजस्थान: सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी BSP, पार्टी नेता बोले- कांग्रेस को होगा नुकसान

बहुजन समाज पार्टी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 195 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे और उनमें से तीन ने जीत दर्ज की थी. लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से इनकार कर चुकीं मायावती ने इस बार विधानसभा की सभी 200 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है.

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फोटो- आजतक आर्काइव
फोटो- आजतक आर्काइव

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जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से किनारा कर चुकी बहुजन समाज पार्टी ने एक और बड़ा फैसला लिया है. छत्तीसगढ़ में अजित जोगी से गठबंधन कर चुकी बीएसपी ने राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है.

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डूंगरराम गेदर ने पार्टी की चुनावी तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'तैयारी चल रही है और पार्टी सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.'

अनुसूचित जाति व जनजाति मतदाताओं में अच्छी पैठ रखने वाली बसपा ने बीते कुछ चुनावों में धौलपुर, भरतपुर और दौसा के साथ-साथ गंगानगर जिले की कुछ विधानसभा सीटों पर लगातार बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. जिन सीटों पर वह जीत नहीं पाई, वहां उसने परिणाम तय करने में बड़ी भूमिका निभाई है.

2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने तीन सीटें जीतीं थीं. इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस को एक तरह से तीसरे नंबर पर धकेलने का काम किया था.

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1998 में मिली थी 2 सीट

बसपा 1990 से ही चुनाव लड़ रही है लेकिन उसे जीत का स्वाद 1998 में मिला जब उसके दो प्रत्याशियों ने बाजी मारी. उस साल बसपा ने कुल 108 प्रत्याशी उतारे थे और उसे महज 2.17 प्रतिशत वोट मिले थे.

2003 में 124 सीटों पर लड़ा चुनाव

2003 में बसपा ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसके दो प्रत्याशी जीते थे. पार्टी को इस चुनाव में 3.98 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं 2008 में विधानसभा चुनावों में बसपा का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा जब उसने 7.60 प्रतिशत वोटों के साथ छह सीटों पर जीत दर्ज की. इसके बाद 2013 में उसने 195 सीटों पर चुनाव लड़ा और तीन जगह उसे जीत भी मिली लेकिन उसका वोट प्रतिशत घटकर 3.37 प्रतिशत रह गया.

आरक्षित सीटों की संख्या

राज्य में एससी की 34 और एसटी की 25 सीटें हैं. बसपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 195 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. डूंगरराम गेदर ने कहा कि इस बार सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशी खड़े करने की तैयारी है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा 'गठजोड़ सिरे नहीं चढ़ने का नुकसान अंतत: कांग्रेस को ही होगा, बसपा पर उसका कोई असर नहीं होने जा रहा है.'

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उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी हाइकमान उम्मीदवारों की सूची को जल्द ही अंतिम रूप दे देगा और पार्टी प्रमुख मायावती प्रदेश में प्रचार के लिए आएंगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीताराम मेघवाल ने उम्मीद जताई कि इन चुनावों में पार्टी और बेहतर प्रदर्शन करेगी.  बता दें कि अगले महीने से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और राजस्थान में सबसे आखिर में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी. जबकि सभी पांच राज्यों में मतगणना 11 दिसंबर को होगी.

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