राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह देश में एक ऐसा सिस्टम बनाने पर विचार करें जिसमें राजस्थान की तर्ज पर हरेक शिकायत को लेकर FIR दर्ज की जाए. उन्होंने इस सिलसिले में पीएम मोदी को पत्र लिखा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अपने पत्र में अशोक गहलोत ने दलील दी है कि प्रत्येक शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने को अनिवार्य किए जाने से उस इलाके की छवि अपराध में बढ़ोतरी की बनेगी, लेकिन वास्तव यह इसलिए होगा क्योंकि उस एरिया में मामलों की रिपोर्टिंग होगी.
अशोक गहलोत ने कहा कि इससे आपराधिक मामलों की प्रभावी जांच होगी और पुलिसिया व्यवस्था मजबूत होगी. राजस्थान में पुलिस नवाचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य राज्य भी इस प्रभावी और संवेदनशील प्रणाली का लाभ उठा सकते हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून और व्यवस्था को प्रभावी तरीके से बनाए रखने के लिए देश भर में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की व्यवस्था लागू की जा सकती है.
अपने पत्र में अशोक गहलोत ने कहा कि अपराधों के पंजीकरण में जटिलता को दूर करने के लिए राजस्थान ने 2019 में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की व्यवस्था लागू की थी.
अशोक गहलोत ने बताया कि इस सिस्टम के अनुसार, यदि कोई पुलिस स्टेशन एफआईआर दर्ज करने से इनकार करता है, तो यह जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में भी दर्ज किया जा सकता है और मामले को दर्ज करने से इनकार करने वाले अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिवार्य एफआईआर से राज्य में अपराध के आंकड़ों में उछाल देखने को मिलेगा. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपनी 2019 की रिपोर्ट में इन तथ्यों को पहचाना.
एनसीआरबी की रिपोर्ट ने हालांकि यह भी बताया है कि अपराध में वृद्धि और अपराधों की रिपोर्टिंग और पंजीकरण में वृद्धि के बीच अंतर है.