उन्होंने कहा कि ये उन्हें दबाकर रखने जैसी बात है. घूंघट और बुर्के के अंदर से महिलाएं कभी प्रगति नहीं कर सकती हैं. अब समय आ गया है कि इसे खत्म करने के लिए देश में प्रयास किए जाने चाहिए. गहलोत ने पहली बार अपने आवास पर शबद-कीर्तन का आयोनज किया था. इससे पहले उनके आवास पर होली, दिवाली और ईद पर कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं, लेकिन पहली बार इस तरह से बड़ी संख्या में सिखों को बुलाकर मुख्यमंत्री आवास के अंदर 4 घंटे का कार्यक्रम किया गया.
Welcomed Governor Sh. @KalrajMishra at the Kirtan Darbar…Listening to Guru Bani and Shabad-kirtan is always a divine feeling… pic.twitter.com/dbuomQTyvv
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2019
इस मौके पर अशोक गहलोत ने घोषणा करते हुए कहा कि किसी भी सिख विद्यार्थी को परीक्षा केंद्र में किसी भी धार्मिक प्रतीक धारण करने की छूट होगी. उनकी पगड़ी, कृपाण और कटार की जांच नहीं की जाएगी. राज्य में सिख समाज में रीति-रिवाजों से हुई शादियों के रजिस्ट्रेशन के उद्देश्य से मैंने राजस्थान आनंद मैरिज रजिस्ट्रेशन नियम-2019 के प्रारूप का अनुमोदन किया है.