राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मांग की है कि केंद्र या राज्य सरकार के मातहत काम कर रहे अधिकारी और कर्मचारियों के लिए हर साल संपत्ति की ऑनलाइन घोषणा को अनिवार्य कर दिया जाए. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि संपत्ति की ऑनलाइन घोषणा अनिवार्य किए जाने से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी.
उन्होंने कहा है कि इससे आय से अधिक संपत्ति के मामलों को उजागर करने में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को भी मदद मिलेगी. राजस्थान के सीएम ने कहा है कि सरकार के संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन देने के संकल्प में एसीबी की बड़ी भूमिका है. उन्होंने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया है कि एसीबी, अपनी इंटेलीजेंस विंग को और अधिक चौकस बनाकर अधिक मजबूती के साथ काम करे.
सीएम गहलोत ने इस बात पर भी बल दिया है कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी तैनात करने की व्यवस्था को भी और पुख्ता बनाया जाए. सरकारी कार्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोजन की मंजूरी देने को लेकर निर्धारित समयावधि में निर्णय करने का इंतजाम किया जाए.
उन्होंने कहा है कि अभियोजन के लिए मंजूरी मिलने में देर होने से एसीबी के मनोबल पर नकारात्मक असर पड़ता है और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है. गौरतलब है कि सीएम गहलोत ने एक फोटो भी ट्वीट की है, जिसमें वे बैठक लेते नजर आ रहे हैं.