राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी उम्मीदवारों की सूची पर राज्य और केंद्रीय नेतृत्व के बीच सहमति अभी नहीं बन पाई है. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी तरफ से तकरीबन 80 उम्मीदवारों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को थमा दी है और इन पर विचार करने के लिए कहा है. इसके अलावा करीब 60 सीटों पर 2 नाम हैं और 40 सीटों पर तीन से चार नाम की सूची है.
सीएम वसुंधरा राजे, उम्मीदवारों पर 15 दिनों की रायशुमारी के बाद तैयार लिस्ट लेकर बुधवार को दिल्ली पहुंची. जिसके बाद राजस्थान के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर और कोर कमिटी के साथ मीटिंग कर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि अमित शाह ने सूची को अभी तक हरी झंडी नहीं दी है और कहा है कि इन सभी नामों पर विचार किया जाएगा. शाह ने कहा कि सर्वे और फीडबैक में जिन जिताऊ कैंडिडेट के नाम आए हैं, उनका ध्यान रखा जाएगा. किसी नेता का कोई कोटा नहीं रहेगा. वसुंधरा राजे ने उम्मीदवारों की लिस्ट पर कहा है कि यह लोग जीतने वाले हैं, पिछले कई सालों से पार्टी के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं.
बीजेपी में अभी भी इस बात के लिए सहमति नहीं बन पा रही है कि मौजूदा 165 विधायकों में से कितने विधायकों की टिकट काटा जाए. पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि अगर 100 विधायकों का टिकट काट देते हैं, तो एंटी इनकंबेंसी का असर कम हो जाएगा. जबकि दूसरा धड़ा मान रहा है कि इससे बागी उम्मीदवार खड़ा हो सकते हैं जो पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
वसुंधरा टिकट काटना तो चाहती हैं लेकिन तय नहीं कर पा रही हैं कि कितने लोगों का टिकट काटा जाए. अमित शाह से मिलने के बाद बुधवार देर रात तक प्रकाश जावड़ेकर के घर दोबारा मीटिंग चली. दिल्ली जाने से पहले वसुंधरा राजे ने बीजेपी नेता ओम माथुर के घर जाकर मुलाकात की है उनसे भी उम्मीदवारों के लिए इस पर चर्चा की. वसुंधरा कोशिश कर रही हैं कि उनकी सूची सभी को साथ लेकर चलें.
माना जा रहा है कि गुरुवार और शुक्रवार 2 दिनों तक चलने वाली बीजेपी संसदीय बोर्ड में इन नामों पर चर्चा होगी. संसदीय बोर्ड की पहली प्राथमिकता मध्य प्रदेश है, जिसके बाद राजस्थान के नामों पर विचार किया जाएगा. माना जा रहा है कि दिवाली के बाद एक साथ 160 उम्मीदवारों का नाम घोषित होगा.