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राजस्थान: CM अशोक गहलोत बोले- सभी राज्यों में लागू हो अनिवार्य FIR नीति, PM मोदी को लिखेंगे चिट्ठी

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का मानना है कि प्रदेश में एफआईआर दर्ज करने के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन नीति से भले ही परिवादों के पंजीकरण में बढ़ोतरी हुई हो पर इसका यह मतलब नहीं है कि प्रदेश में वास्तविक तौर पर अपराध भी बढ़े हैं.

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सीएम अशोक गहलोत
सीएम अशोक गहलोत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी
  • गहलोत ने कहा पीएम को भी लिखेंगे पत्र
  • सभी राज्यों में लागू हो अनिवार्य FIR नीति

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि देश के सभी राज्यों में अनिवार्य एफआईआर नीति लागू की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमने अमित शाह को पत्र लिखा है और पीएम मोदी को भी पत्र लिखेंगे. गहलोत सरकार ने  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सभी राज्यों में इस नीति को लागू करने का आग्रह किया है.  

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राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का मानना है कि प्रदेश में एफआईआर दर्ज करने के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन नीति से भले ही परिवादों के पंजीकरण में बढ़ोतरी हुई हो पर इसका यह मतलब नहीं है कि प्रदेश में वास्तविक तौर पर अपराध भी बढ़े हैं.

राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि थानों में हर फरियादी की सुनवाई सुनिश्चित करने तथा आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास कायम करने की दिशा में राजस्थान ने जो कदम उठाया है उससे अच्छे परिणाम सामने आए हैं. हमारी सरकार ने थानों में प्रत्येक फरियादी की एफआईआर दर्ज करने के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन नीति अपनाने का साहस दिखाया है. इससे परिवादों के पंजीकरण में भले ही बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन इसका अभिप्राय यह कतई नहीं है कि वास्तविक रूप में अपराध भी बढ़े हैं.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सभी राज्यों में इस नीति को लागू करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. जल्द ही इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखेंगे. हर पीड़ित को न्याय दिलाने की राजस्थान की अनिवार्य एफआईआर नीति को अपनाने के लिए देशव्यापी वातावरण बने, इसके लिए राजस्थान राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित करेगा. 

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उन्होंने आगे कहा, ''महिलाओं एवं बाल अधिकारों की सुरक्षा पूरे देश के लिए अत्यन्त संवेदनशील मुद्दा है. खासकर महिला उत्पीड़न की घटनाएं हम सभी के लिए चिंता का विषय है. हमारी सरकार ने ऐसी घटनाओं पर हमेशा तत्परता से जमीनी स्तर तक प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की है."

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गहलोत ने बताया, ''महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अपराधों की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बेहिचक थाने पहुंचने लगी हैं, दुष्कर्म जैसे मामलों की जांच में लगने वाले औसत समय में 40 प्रतिशत तक की उल्लेखनीय कमी आई है. यह समय 267 दिनों से घटकर 118 दिन हो गया है. अदालतों के माध्यम से दर्ज होने वाले प्रकरणों की संख्या भी 34 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत रह गई है. साथ ही प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों की लंबित जांचों का प्रतिशत भी राष्ट्रीय औसत 34 प्रतिशत के मुकाबले 9 प्रतिशत ही है."

 

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