धौलपुर में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में हाहाकार मचा हुआ है. कांग्रेस की पतली हालत को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आचानक से बेहद सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने इशारों-इशारों में कांग्रेस की हार का ठीकरा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के सिर फोड़कर हलचल मचा दी है.
अशोक गहलोत ने कहा कि धौलपुर का चुनाव कांग्रेस को जितना चाहिए था, प्रदेश में कांग्रेस की हवा भी थी, लेकिन पार्टी के ओवर कान्फिंडेंस की वजह से कांग्रेस की हार हुई है. नेताओं के ओवर कान्फिंडेंस की वजह ने हरवा दिया है. गहलोत यहीं नही रुके बल्कि ये भी कह दिया कि मौजूदा सरकार की नाकामियों के भरोसे हम चुप नही बैठ सकते हैं बल्कि मेहनत करनी होगी. कांग्रेस ने उपचुनाव में कुछ गलत फैसले भी किए हैं और प्रदेश कांग्रेस कमेटी को हार के कारणों पर विश्लेषण करना चाहिए.
लगे हाथ गहलोत ने ये चेता दिया कि इस गलतफहमी में कांग्रेस न रहे कि राज्य में एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी आती है. जब इस बारे में सचिन पायलट से पूछा गया तो हार की टीस और गहलोत के हमले का घाव उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था. पायलट ने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि अशोक गहलोत हमारे सीनियर नेता हैं और उनके हर कहे को हम बेहद सीरियसली लेते हैं और उन्होने जो कुछ कहा है उसे गंभीरता से लेंगें.
कांग्रेस के बड़े नेता जो भी कहें, लेकिन पार्टी साफ-साफ राज्य में दो धड़े में बंटती दिख रही है. अशोक गहलोत के समर्थक पार्टी की कमान गहलोत के हाथों में देने की मांग कर रहे हैं. इनका आरोप है कि धौलपुर उपचुनाव में गहलोत का उपयोग ठीक से नहीं किया गया, जबकि पायलट गुट का कहना है कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की वजह से कांग्रेस हारी है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि आगे आने वाले दिनों में कांग्रेस आलाकमान ने हस्तक्षेप नहीं किया राजस्थान कांग्रेस में सिर फुटव्वल बढ़ेगी.
ेेगौरतलब है कि धौलपुर के इतिहास में पहली बार कांग्रेस की हार करीब 40,000 वोटों से हुई है, जबकि दो साल पहले हुए नगरपालिका और पंचायत के चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिली था.