राजस्थान में कई बार अपने भाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक बयान बड़ा लोकप्रिय हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की तरफ से दिल्ली में उनके लिए इंसाफ करने बैठे हैं. किसी भी पैराशूट उम्मीदवार को कांग्रेस टिकट नहीं देगी. अगर कोई पैराशूट से आएगा तो वे 200 किलोमीटर ऊपर उसका पैराशूट काट देंगे.
तब राहुल के इस वादे पर कांग्रेस कार्यकर्ता झूमकर ताली बजाते थे और नारेबाजी करते थे, लेकिन गुरुवार देर रात जब कांग्रेस की सूची जारी हुई तो कांग्रेस के 152 उम्मीदवारों की सूची में 6 पैराशूट कैंडिडेट भी टिकट पा गए. कांग्रेस की लिस्ट देखते ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया है और राहुल से पूछ रहे हैं कि उस वादे का क्या हुआ जो आप चुनावी सभाओं में कर रहे थे.
कांग्रेस के पैराशूट कैंडिडेट
हबीबुर्रहमान: नागौर से विधायक हबीबुर्रहमान चौबीस घंटे पहले पहले ही बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए. नागौर से कांग्रेस ने कैंडिडेट बनाया.
हरीश मीणा: दौसा से बीजेपी के सांसद रहे हरीश मीणा को देवली उनियारा सीट पर उतारा गया है. हरीश मीणा ने 1 दिन पहले ही बीजेपी छोड़ी थी.
कन्हैया लाल झंवर: लिस्ट जारी होने से 5 घंटे पहले कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया लाल झंवर को बीकानेर पूर्व से मैदान में उतारा गया है.
सोना देवी बावरी: पिछली बार जमींदार पार्टी की टिकट पर विधायक बनीं सोना देवी बावरी को इस बार कांग्रेस ने रायसिंहनगर से अपना उम्मीदवार बनाया.
सवाई सिंह गोदारा: पूर्व आईपीएस अधिकारी गोदारा ने एक दिन पहले ही वीआरएस लिया और अब उन्हें कांग्रेस ने खिंवसर से टिकट दिया है.
राजकुमार शर्मा: नवलगढ़ के निर्दलीय विधायक शर्मा को भी कांग्रेस ने नवलगढ़ से अपना प्रत्याशी बनाया है.
क्या हुआ तेरा वादा?
कांग्रेस की लिस्ट आते ही बीकानेर में जबरदस्त विरोध शुरू हो गया. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बीडी कल्ला का टिकट कटने से नाराज कल्ला के समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया और कुर्सियां तक जला दीं. पिछले 15 सालों से कांग्रेस की सक्रिय राजनीति कर रहे पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा देवली उनियारा से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, लेकिन ऐन मौके पर उनके सगे भाई बीजेपी सांसद हरीश मीणा कांग्रेस में शामिल होकर वहां से टिकट ले उड़े.
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से एक और वादा किया था और कहा था कि काम करने वालों को टिकट मिलेगा. राहुल ने कहा था कि पार्टी रिश्तेदारों को टिकट नहीं देगी, लेकिन कांग्रेस की लिस्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि पार्टी ने 15 नेताओं के रिश्तेदारों को मौका दिया है. जबकि बीजेपी ने भी 9 नेता पुत्रों को टिकट दिया है.
हालांकि कांग्रेस ने इस बार सख्ती दिखाते हुए दो बार लगातार चुनाव हारने वाले लोगों को टिकट नहीं दिया है. साथ ही 20 महिलाओं को टिकट दिया है. बीजेपी ने 162 उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी है, इसके मुताबिक 19 महिलाओं को मौका दिया गया है.
कांग्रेस से 9 मुस्लिम उम्मीदवार
बीजेपी में अब तक किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है जबकि कांग्रेस ने 9 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी ने 101 प्रत्याशियों को दोबारा मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने 73 लोगों का टिकट दोहराया है.
कांग्रेस में चर्चा है कि लिस्ट फाइनल करने में सचिन पायलट की चली है और करीब 79 लोगों का टिकट बदलवाने में वह सफल रहे हैं लेकिन फिर भी गहलोत सरकार में शामिल रहे 22 मंत्रियों और 6 संसदीय सचिवों को एक बार फिर से टिकट मिल गया है.