इस्तीफ़ा दे चुके राजस्थान के कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उपस्थित होने के लिए पत्र भेजा गया है. हेमाराम चौधरी को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सात दिन की समय अवधि में पेश होने के लिए कहा गया है. राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने विधानसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 173( 3 )के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित होने के लिए कहा है. बता दें कि हाल ही में कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा दिया है जिसकी प्रक्रिया होनी है.
फ़िलहाल इस्तीफ़ा दे चुके हेमाराम चौधरी धरने पर बैठे हैं. चौधरी की मांग है कि इलाक़े में काम करने वाली तेल कंपनियां CSR फंड के तहत विधानसभा क्षेत्र गुढामलानी में अस्पताल बनाए.
सचिन पायलट के करीबी हेमाराम चौधरी के इस्तीफ़े के बाद गहलोत सरकार ने उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की है और अब धरने पर भी उनसे बातचीत करने कोई नहीं गया है.
18 मई को कांग्रेस विधायक ने दिया था इस्तीफा
राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर सियासी संकट के आसार नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि हेमाराम चौधरी गहलोत सरकार के कामकाज से नाराज़ चल रहे थे जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया. हेमाराम गुढामलानी से विधायक हैं.
राजस्थान में पिछले साल आए सियासी संकट के दौरान वह पायलट खेमे में शामिल थे. कुछ महीने पहले हेमाराम ने सूबे की गहलोत सरकार के कामकाज के तरीकों पर भी सवाल उठाए थे. अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने को लेकर वह सुर्खियों में थे.
सचिन पायलट का साथ देने के बाद से ही ऐसे आरोप लग रहे थे कि उनके साथ ज्यादती हो रही है और परेशान किया जा रहा है. लंबे समय तक परेशानी झेलने के बाद और सचिन पायलट की तरफ़ से कोई क़दम नहीं उठाए जाने के बाद हेमाराम चौधरी ने विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया.