
राजस्थान में विवादों में घिरे रहने वाले कांग्रेस के विधायक रामलाल जाट एक बार फिर से विवादों में हैं. रामलाल तहसीलदार स्वाती झा को धमकाने और अभद्र भाषा का प्रयोग करने के मामले में विवादों में फंस गए हैं. मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो वहां पर कोर्ट ने तहसीलदार के हटाने के राजस्थान सरकार के फैसले को ही रद्द कर दिया.
विधायक की ओर से तहसीलदार स्वाती झा को धमकाने का मामला राजस्थान हाई कोर्ट पहुंच गया जहां पर कोर्ट ने तहसीलदार को हटाने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया और तहसीलदार ने वापस अपनी जगह पर आज शुक्रवार को ज्वाइन भी कर लिया.
विवादों की वजह से पिछली बार मंत्री पद से हटाए गए मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामलाल जाट पर आरोप है कि उन्होंने 21 मई को हुरड़ा की महिला तहसीलदार को अपने जानकार के लिए तुरंत काम करने को लेकर धमकाया और अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया.
धमकी का ऑडियो वायरल
कोरोना की वजह से विधायक के जानकारों का मोबाइल तहसीलदार ने हाथ में न लेकर लाउडस्पीकर पर करके विधायक से बात कर रही थीं जिसका ऑडियो रिकॉर्ड वायरल हो गया है.
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कहा जा रहा है कि विधायक रामलाल जाट का जानकार तहसीलदार के पास जाकर तुरंत किसी जमीन का नकल निकालने के लिए दबाव बना रहा था और उसके बाद उसने अपने फोन से विधायक को फोन लगाकर तहसीलदार स्वाती झा से बात करानी शुरू कर दी. बातचीत के दौरान नाराज विधायक फोन पर ही तहसीलदार पर भड़क गए.
सरकार के फैसले पर परिषद की धमकी
इस घटना के बाद सरकार ने तहसीलदार को APO कर दिया. जिससे नाराज होकर तहसीलदार परिषद ने राज्य में आंदोलन की धमकी दे डाली. तहसीलदार परिषद ने विधायक को माफी मांगने के लिए और हटाई गई तहसीलदार को वापस लगाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलतो से मांग की है.
साथ ही विधानसभा में विधायक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने का अनुरोध किया है. तहसीलदार संघ ने धमकी दी है कि अगर उनकी बातें नहीं मानी गई तो पूरे राज्य में आंदोलन किया जाएगा.
हालांकि इस मामले में हाई कोर्ट की दखल से गहलोत सरकार की भारी भद्द पिटी है. तहसीलदार स्वाती झा ने बहाली के बाद आज से अपना काम फिर शुरू कर दिया है.