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कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ रैली सरकार पर हल्ला बोल या राहुल की रिलॉन्चिंग?

महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के इस हल्ला बोल को राहुल गांधी की रिलॉन्चिंग इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि साल 2013 में भी जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में राहुल गांधी को पहली बार कांग्रेस पार्टी में उपाध्यक्ष के तौर पर बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई थी.

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राहुल गांधी के पोस्टर
राहुल गांधी के पोस्टर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 12 दिसंबर को कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ बड़ी रैली
  • होर्डिंग पोस्टर से सोनिया गायब, हर जगह राहुल की तस्वीर

कांग्रेस पार्टी 12 दिसंबर को देश में बढ़ती महंगाई को लेकर जयपुर में बड़ी रैली की तैयारी कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक इस रैली को राहुल की पार्टी अध्यक्ष के पद पर रिलॉन्चिंग के तौर पर देखा जा रहा है. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

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बता दें महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के इस हल्ला बोल को राहुल गांधी की रिलॉन्चिंग इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि साल 2013 में भी जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में राहुल गांधी को पहली बार कांग्रेस पार्टी में उपाध्यक्ष के तौर पर बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई थी. 

इससे पहले जयपुर के ऐतिहासिक अलबर्ट हॉल के सामने बड़ी रैली आयोजित कर राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर काबिज करने की कोशिश की गई थी लेकिन उस वक्त राहुल गांधी नहीं माने थे.

राहुल गांधी की रिलॉन्चिंग?

महंगाई के खिलाफ आयोजित होने वाली इस रैली को लेकर कहा जा रहा है कि दो साल बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी किसी बड़ी जनसभा को संबोधित करने के लिए निकल रही हैं लेकिन फिर भी बड़े-बड़े होर्डिंग से सोनिया गांधी की तस्वीर गायब है और उसकी जगह राहुल नजर आ रहे हैं.

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तमाम होर्डिंग्स पर राहुल गांधी की बड़ी-बड़ी तस्वीर देखकर क़यास लगाए जा रहे हैं कि 12 दिसंबर को जयपुर में कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ आयोजित रैली राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष के तौर पर फिर से प्रोजेक्ट करने की तैयारी है.

जयपुर की इस रैली में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, तमाम दिग्गज नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा फ़ोकस राहुल गांधी पर ही दिख रहा है. जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में लगे रैली के होर्डिंग पोस्टर में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा सोनिया गांधी नहीं बल्कि राहुल गांधी को दिखाया गया है.

माना जा रहा है कि इस रैली के जरिए राहुल गांधी को अध्यक्ष के तौर पर प्रोजेक्ट कर सांगठनिक चुनावों के जरिए उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. अभी सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं, जिनका कार्यकाल जून 2022 तक ही है. 

1 लाख लोग जुटाने का लक्ष्य

इस रैली में कांग्रेस देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को यह संदेश देना चाहती है कि बतौर विपक्ष सरकार के खिलाफ हमले की अगुवाई कर रहा है. इसलिए रैली में एक लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.  इसके लिए राजस्थान सरकार के सभी मंत्री और पार्टी अधिकारी दिन रात लगे हुए हैं. 

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पिछले 1 महीने में अकेले जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 8 गुना तक बढ़ गई है. 9 मरीज तो नए ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं लेकिन राज्य सरकार रैली की तैयारी में जुटी हुई है. एक तरफ अधिकारी लोगों से कोरोना से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि राजस्थान में कोरोना नहीं है.

वहीं दूसरी तरफ महंगाई के खिलाफ आयोजित होने वाली इस रैली को दिल्ली में इजाजत नहीं मिलने के बाद इसे जयपुर में करने का फैसला किया गया. लेकिन राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की रैली से पहले मुश्किलें बढ़ सकती है.

बढ़ सकती है कांग्रेस की मुश्किलें

इसका कारण ये है कि कांग्रेस की रैली से पहले ही पूरे राजस्थान से बेरोज़गार युवा और आंदोलनकारी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर जयपुर में जमे हुए हैं. जयपुर के शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में युवक टीचर भर्ती परीक्षा में सीट बढ़ाने को लेकर डटे हुए हैं.  बेरोज़गार छात्र टीचर भर्ती परीक्षा में कम से कम 50,000 पद स्वीकृत किए जाने की मांग कर रहे हैं.

आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि पिछले तीन सालों में सरकार ने टीचर भर्ती में 30, हज़ार वैकेंसी निकाली है जबकि राजस्थान के स्कूलों में एक लाख से ज़्यादा शिक्षके पद ख़ाली पड़े हैं.

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