देश भर में कोरोना के खिलाफ जारी वैक्सीनेशन अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है. कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत अब तक 1 करोड़ 66 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाकर राजस्थान देशभर में अग्रणी है. प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज 2 प्रतिशत से कम है, जो केंद्र द्वारा अनुमत सीमा 10 प्रतिशत तथा वैक्सीन वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत 6 प्रतिशत से बेहद कम है.
प्रमुख सचिव शासन एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने बताया कि कुछ स्थानों पर वैक्सीन के वेस्टेज के संबंध में समाचार प्रकाशित हुए हैं. प्रारंभिक जांच में इस प्रकार वैक्सीन की वेस्टेज कहीं भी नहीं पाई गई. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हाईलाइट किए गए स्थानों की जिला कलेक्टर के माध्यम से विशेष रूप से वैक्सीन ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन के संबंध में जारी गाइडलाइन की अनुपालना भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने जिलों के वैक्सीनेशन सेंटर का साप्ताहिक रूप से आवश्यक तौर पर निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. निरीक्षण के दौरान निर्धारित प्राथमिकता के क्रम में वैक्सीनेशन करने एवं क्यू डायनामिक्स के अनुसार भेदभाव रहित तरीके से वैक्सीनेशन करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.
साथ ही वेस्टेज बिल्कुल नहीं होने देने, वैक्सीनेशन के बाद निर्धारित आधे घंटे तक वैक्सीनेटेड व्यक्ति के ऑब्जर्वेशन रूम में रहने तथा सॉफ्टवेयर पर प्रोपर एंट्री के संबंध में भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.
प्रमुख सचिव ने बताया कि समय समय पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से निरीक्षण कर वैक्सीन का जीरो वेस्टेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस कार्य मे कोताही पाए जाने पर कार्यवाई के भी निर्देश हैं. उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन सेंटर का सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ एवं जिला कलक्टर द्वारा नामित प्रशासनिक अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे.
इनके अतिरिक्त प्रदेश के स्वास्थ्य मुख्यालय से वरिष्ठ चिकित्सकों के दल भिजवाकर कोरोना के संबंध में पीरियडिकल ऑडिट भी करवाई जाएगी. इस ऑडिट में संबंधित जिलों में कोविड की रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाओं, उपचार सहित अन्य व्यवस्थाओं तथा वैक्सीनेशन के संबंध में आवश्यक जानकारी लेकर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा.
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