कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच चीन से मंगाई गई कोरोना वायरस की रैपिड टेस्ट किट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होने के बाद राजस्थान सरकार ने उस पर रोक लगा दी थी. हालांकि अब रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर राजस्थान सरकार और आईसीएमआर आमने-सामने आ गए हैं.
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राजस्थान सरकार के किट फेल होने के जवाब में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने चिट्ठी लिखी है. इसमें राजस्थान सरकार को कहा गया है कि इस किट से जांच जारी रख सकते हैं. किट कोरोना कि जांच के लिए नहीं बल्कि एक बड़ी जनसंख्या के एंटीबॉडी जांच के लिए है. वहीं राजस्थान सरकार का कहना है कि वो जांच नहीं करेंगे.
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दरअसल, राजस्थान सरकार ने 17 अप्रैल को देश में पहली बार रैपिड टेस्ट किट से कोरोना की जांच शुरू की थी. हालांकि 3 दिनों के भीतर ही नतीजे ऐसे आए कि रैपिड टेस्ट को फेल करार देते हुए आईसीएमआर को राजस्थान सरकार ने चिट्ठी लिखी. इसमें कहा गया कि आपका भेजा हुआ किट खराब है और हम इससे जांच नहीं करेंगे.
आईसीएमआर ने दिया जवाब
वहीं अब इसके जवाब में आईसीएमआर ने भी चिट्ठी लिखी है और कहा है कि किट से जांच के कुछ प्रोसेस होते हैं, जिन्हें फील्ड में ध्यान रखना होता है. राज्य सरकारें इस किट से जांच जारी रखें और भारत सरकार इनके नतीजों पर रिसर्च कर रही है.
आईएमसीआर ने यह भी लिखा है कि राज्य चाह रहे थे कि किसी तरह रैपिड टेस्ट किट आए. इसलिए आईसीएमआर ने इसकी खरीद की और कुछ राज्यों ने सीधे खरीद की है. हालांकि आईसीएमआर ने अपने पत्र में कहीं नहीं लिखा है कि यह रैपिड किट खराब है और इससे आप जांच नहीं करें.
आईसीएमआर की चिट्ठी
राजस्थान सरकार ने लिया ये फैसला
चिट्ठी के बाद अब राजस्थान सरकार का कहना है कि आईसीएमआर का जवाब भ्रामक है. वह कह रहे हैं कि जांच कीजिए. मगर यह नहीं कह रहे हैं कि किट ठीक है. इसलिए राजस्थान सरकार ने फैसला किया है कि आईसीएमआर की एडवाइजरी को नहीं मानेंगे और जांच नहीं करेंगे क्योंकि इससे कोरोना को लेकर और भ्रम फैलेगा.
राजस्थान सरकार ने चिट्ठी लिखकर आईसीएमआर को बता दिया है कि उनकी एडवाइजरी के बावजूद हम राजस्थान में इस किट से जांच नहीं करेंगे. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि दक्षिण कोरिया और चीन के रैपिड टेस्ट किट में क्या अंतर है? कौन अच्छा है और कौन खराब है? ताकि राज्य सरकारें साफ-साफ अपना फैसला कर पाएं.