कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए देश भर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के चलते अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जियारत के लिए आए 10 राज्यों के 3 हजार से ज्यादा जायरीन फंसे हुए हैं. इसके अलावा एक हजार ऐसे लोग भी फंसे हैं, जो अजमेर में गेस्ट हाउस सहित तमाम अलग-अलग जगहों पर काम करते हैं. इन सभी को वापस उनके घर भेजने के लिए दरगाह कमेटी की ओर से पीएम मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा गया है
दरगाह कमेटी अध्यक्ष अमीन पठान ने अपने पत्र में लिखा कि अजमेर में फंसे हुए जायरीन को वापस उनके घर भेजने के लिए सरकार व्यवस्था करे. उन्होंने रेल मंत्री से आग्रह किया है कि दो स्पेशल ट्रेन चलाई जाएं ताकि दरगाह इलाके में फंसे जायरीन को उनके घर तक भिजवाया जा सके. दरगाह कमेटी ने इस बात से जिला प्रशासन से भी अवगत कर दिया है.
दरगाह कमेटी के चेयरमैन अमीन पठान ने बताया कि कोरोना वायरस के खतरों के देखते हुए दरगाह को जनता कर्फ्यू से दो दिन पहले बंद कर दिया गया था. इसके बाद सरकार ने पूरे देश में 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन कर दिया, जिसकी वजह से यहां पर करीब 3 हजार जायरीन फंसे हुए हैं. इन सभी जायरीनों के खाने-पीने का इंतजाम फिलहाल दरगाह कमेटी कर रही है.
लॉकडाउन में अजमेर में फंसे जायरीन
अजमेर दरगाह के प्रोटोकॉल अधिकारी मोहम्मद मिनहाज आलम बताया कि कमेटी ने पूरे दरगाह इलाके में सर्वे कराकर एक आंकड़ा तैयार किया है, जिसके लिहाज से 10 राज्यों के 3075 जायरीन फंसे हुए हैं. कुछ खादिमों के घर रुके हुए हैं, तो कुछ गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं. इनमें से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के ज्यादा लोग हैं. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के 744, आंध्र प्रदेश के 601, उत्तर प्रदेश के 569, बिहार के 271, महाराष्ट्र के 255, कर्नाटक के 356, झारखंड के 77, गुजरात के 75 और दिल्ली के 28 जायरीन अजमेर में हैं. इसके अलावा अलग-अलग गेस्ट हाउस में काम करने वाले करीब 800 से 1 हजार के बीच लोग हैं.
अजमेर में कोरोना के मामले
अजमेर में अभी तक कोरोना संक्रमण के चार मामले सामने आ चुके हैं. ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं. इनमें संक्रमित युवक के बाद उसके माता पिता और भाई को कोरोना पॉजिटिव पाया गया. 25 मार्च को युवक पंजाब के चंडीगढ़ से वापस अपने घर अजमेर लौटा था, जिसके संपर्क में आने से पूरा परिवार संक्रमित है. इसके चलते अजमेर में फंसे जायरीन खौफ और दहशत में आ गए हैं. हालांकि, राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने अजमेर में करीब 200 लोगों के सैंपल लिए हैं.
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दरगाह कमेटी चेयरमैन अमीन पठान ने पीएम मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इन फंसे हुए जायरीन को वापस उनके घरों तक पहुंचाने के लिए 2 अलग स्पेशल ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है. पहली ट्रेन में यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के जायरीन को छोड़ने के लिए अजमेर से वाया जयपुर, आगरा, लखनऊ, कोलकाता और पटना का एक फेरा चलाया जाए. साथ ही दूसरी स्पेशल ट्रेन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के जायरीन को छोड़ने के लिए अजमेर से वाया भोपाल, नागपुर, विजयवाड़ा होते हुए चेन्नई जाए.
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वहीं, अमीन पठान ने 10 राज्यों के सीएम और मुख्य सचिवों को भी पत्र लिखा है, जिसमें बस के जरिये जायरीन को उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें कुछ बसों के जरिए जिस प्रकार से गरीब और मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम कर रही हैं वैसे ही अजमेर में फंसे हुए जायरीन को लिए भी की जानी चाहिए.