कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी के राजस्थान क्रिकेट में एक बार फिर एंट्री से राज्य के क्रिकेट की राजनीति में फिर बवाल मच गया है. जोशी गुट ने बीती रात राजस्थान क्रिकेट संघ की सधारण सभा बुलाकर आरसीए के अध्यक्ष पद से ललित मोदी को हटा दिया. साथ ही ललित मोदी के एडवोकेट और आरसीए के वाइसप्रेसीडेंट महमूद आब्दी, सचिव सोमेंद्र तिवारी और कोषाध्यक्ष पवन गोयल को भी हटा दिया.
अचानक से मंगलवार शाम 6 बजे जयपुर के सिरसी रोड स्थित एक होटल में मीटिंग बुलाई गई जिसमें ये फैसला लिया गया. जोशी गुट का दावा है कि राज्य के 33 जिला क्रिकेट संघों में से 18 मीटिंग में उपस्थित थे. इस ईजीएम में आरसीए के एकाउंट से लेनदेन पर पाबंदी लगा दी है. इनके आरसीए से हटाए जाने की वजह बिना कार्यकारिणी की अनुमति के चुनाव प्रक्रिया रोकने को बताया गया है.
उधर ललित मोदी की तरफ से महमूद आब्दी ने प्रेस नोट जारी कर इसे गैरकानूनी बताया है. महमूद अब्दी के अनुसार निजी होटल में मीटिंग नहीं हो सकती है और मीटिंग बुलाने का हक केवल आरसीए के सचिव को है.
क्यों हो रहा है तमाशा
दरअसल लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के बाद ललित मोदी को आरसीए प्रेसिडेंट का पद छोड़ना था इसलिए उन्होंने इस पद के लिए अपने बेटे रुचिर मोदी को आगे बढ़ाया. अलवर जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनवाया और आरसीए के प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ने के लिए आरसीए के संविधान में कई संसोधन भी कराए.
जोशी ने एंट्री मारी तो रद्द हुआ चुनाव
22 मई को आरसीए का चुनाव होना था और रुचिर मोदी की ताजपोशी तय मानी जा रही थी. इसी बीच आरसीए के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी ने एंट्री मारी और रुचीर मोदी का सरारा गणित बिगड़ गया. जिस नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष ललित मोदी हैं वहां के सचिव नांदू भी सीपी जोशी गुट में आ मिले और जोशी गुट ने 33 में से 23 क्रिकेट संघ के साथ होने का दावा किया. इसके बाद नामिनेशन के आखिरी वक्त में मोदी गुट की तरफ से चुनाव रद्द कर दिया गया.
क्यों आए हैं सीपी जोशी
सीपी जोशी पहले भी आरसीए का प्रेसीडेंट रह चुके हैं. मगर कहा जा रहा है बीसीसीआई अब किसी भी तरह से ललित मोदी को क्रिकेट में दखल नहीं रखने देना चाह रहा है, जबकि ललित मोदी रुचिर मोदी के जरिए क्रिकेट की राजनीति में पकड़ बनाए रखना चाह रहे हैं. माना जा रहा है कि बीसीसीआई के इशारे पर ही सीपी जोशी आए हैं.