राजस्थान में भर्तियों को लेकर उठ रहे विवादों के बीच सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. झुंझुनूं जिले के रहने वाले विकास जाखड़ ने अपना इस्तीफा भेज दिया है. विकास जाखड़ को बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया है. जाखड़ ने सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेट के पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति के नाम अपनी यूनिट हेड को भेजा है.
जाखड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखा है कि राजस्थान में भर्ती में धांधलियां हो रही हैं जिससे युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है. विकास जाखड़ ने भर्तियों में भ्रष्टाचार रोक पाने में राजस्थान सरकार को नाकाम बताते हुए इन भर्तियों के भ्रष्टाचार का कारण माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जरोली और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा को बताया है.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विकास जाखड़ ने कहा है कि युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे लगातार खिलवाड़ से वे दुखी हैं. इसलिए उन्होंने सीआरपीएफ के सहायक कमांडेट के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है.
जाखड़ ने अपना इस्तीफा सीआरपीएफ के मुख्यालय भेज दिया है. दस साल से पहले नौकरी से इस्तीफा देते हैं तो ट्रेनिंग समेत सरकार का उनपर किया खर्चा लौटाना होगा. शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ ने बताया कि उन्होंने करीब सवा चार लाख रुपए जमा भी करवा दिए हैं.
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पत्नी भी बोलीं- मांग नहीं मानी तो इस्तीफा देंगी
सीआरपीएफ में विकास जाखड़ की नौकरी के अभी नौ साल हुए हैं. 36 साल की नौकरी बाक़ी है. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत विकास की पत्नी सुमन पूनियां ने भी कहा है कि यदि उनके पति की मांगों पर सरकार विचार नहीं करती है तो वे भी इस्तीफा देंगी. मांग है कि रीट परीक्षा को रद्द कर, उसे एक माह में फिर से करवाया जाए, रीट परीक्षा की धांधलियों की सीबीआई से जांच हो, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जरोली को हटाएं, नियमित कैलेंडर से परीक्षा करवाने के लिए एक कमेटी का सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जर्ज की अध्यक्षता में गठन हो और विधानसभा में नकल के खिलाफ कड़े कानून लाने की मांग की है.
किसान राहत कोष बनाने की कर चुके हैं मांग
शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ ने इससे पहले 2018 में किसान राहत कोष बनाने की मांग की थी और इसके लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. उस समय झुंझुनूं के कलेक्टर दिनेश यादव को स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अपनी पत्नी के 12 लाख रुपए करीब के गहने इस कोष के लिए सौंप दिए थे. उन्होंने भी अपनी पत्नी के साथ अपना पुश्तैनी 40 तोला सोना और आधा किलो चांदी के गहने किसानों को राहत देने के लिए कलेक्टर को दिए थे. किसानों की बदहाली से निकालने के लिए जल्द किसान राहत कोष की स्थापना की मांग की थी.
हालांकि तब कलेक्टर ने विकास जाखड़ का मांग पत्र तो ले लिया था, लेकिन गहने लौटा दिए थे. जाखड़ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, नेशनल डिफेंस फंड और साइंस एंड टेक्नॉलोजी बोर्ड में हर महीने एक-एक हजार रुपए की सहायता देते रहे है. 2014 में एम्स दिल्ली में अंगदान का भी शपथ पत्र भर चुके हैं.