राजस्थान के अस्पतालों में डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से राज्य में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. कई दिनों से सामूहिक इस्तीफे की धमकी दे रहे राज्य के सेवारत डॉक्टर रविवार की रात से ही सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं. उधर सरकार ने रेस्मा (राजस्थान आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम) लगाते हुए डॉक्टरों की हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करते हुए सख्त कारर्वाई के आदेश दिए हैं.
दरअसल रविवार को रात ढाई बजे तक चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ और डाक्टरों के संगठनों से वार्ता चली लेकिन बात नहीं बनी. उसके बाद राज्यभर के जिला अस्पतालों, सीएचसी, मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए जिसकी वजह से मरीजों को आज भारी परेशानी उठानी पड़ी. हालांकि राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिए रेलवे, आर्मी अस्पताल और बीएसएफ के डॉक्टरों की तैनाती अस्पतालों में की है. साथ ही कहा है कि निजी अस्पतालों से भी सहयोग मांगा जा रहा है ताकि मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो.
बता दें कि झगड़े की मुख्य वजह सरकार चिकित्सा विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तैनाती करना है जबकि डॉक्टरों का कहना है कि इस पद पर सीनियर डॉक्टर तैनात होते रहे हैं और उन्हें ही तैनात किया जाए. इसके अलावा सातवें वेतनमान की विसंगतियां, कैडर समान करने और ग्रेड पे बढ़ाने जैसी मांगे हैं. सरकार ने डॉक्टरों के एक पारी में काम करने की मांग मानने से इनकार कर दिया है.