लोग अस्पताल जाते हैं अपना इलाज कराने के लिए, लेकिन जब अस्पताल ही बीमार हों तो लोगों का भगवान ही मालिक है. राजस्थान के भरतपुर में 78 साल के एक बुजुर्ग अस्पताल में गए तो थे इलाज के लिए, लेकिन अस्पताल में नर्स की लापरवाही से उनकी जान चली गई.
एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करते वक्त, जब उन्हें एंबुलेंस पर ले जाया जा रहा था, तो स्ट्रेचर दीवार से टकरा गया और मरीज स्ट्रेचर से नीचे गिर गया जिसकी वजह से मरीज के सिर में चोट आई और ज्यादा खून बहने से मौत हो गई.
घटना रंजीत नगर कॉलोनी स्थित जनरल हॉस्पिटल की है, जहां डीग कस्बे के रहने वाले 78 साल के देवीराम को तबीयत खराब होने पर शुक्रवार रात सरकारी आरबीएम अस्पताल से रेफर कराकर जिंदल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. जब मरीज देवीराम की हालत बिगड़ी तो उसे जिंदल हॉस्पिटल से जयपुर के लिए रेफर कर दिया था और जब अस्पताल के कर्मचारी मरीज को स्ट्रेचर पर लिटा कर एंबुलेंस की तरफ ले जा रहे थे, इसी दौरान अस्पताल के रैम्प पर स्ट्रेचर पलट गई और सिर में चोट लगने से मरीज की मौत हो गई.
लापरवाही का आरोप
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पेमेंट के चक्कर में उन्हें तो रोक लिया था और मरीज को लापरवाह कर्मचारियों के हवाले कर दिया था. उनका कहना था कि अगर वह मरीज के साथ होते तो ऐसी घटना नहीं होती. परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर मारपीट का भी आरोप लगाया है. घटना की जानकारी मिलते ही शहर कोतवाल पिंटू कुमार मौके पर पहुंचे और हालात की जानकारी ली. मृतक देवी राम के पुत्र अशोक कुमार का कहना था कि अस्पताल स्टाफ की लापरवाही से ही यह हादसा हुआ है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी इस अस्पताल में लापरवाही के चलते कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अस्पताल के कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.