केंद्र की मोदी सरकार पर अक्सर यह सवाल खड़ा किया जाता है कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम कम होने पर उसका फायदा जनता को नहीं दिया. पंचायत आजतक के मंच से इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार ने वित्तीय घाटा होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम किया, जिसका अतिरिक्त भार सरकारी कोष पर पड़ा.
केंद्रीय मंत्र रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने वित्तीय घाटा होने के बावजूद एक्साइज ड्यूटी कम किया. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में भारत सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाई तब अन्य बीजेपी शासित राज्यो ने भी अपने यहां टैक्स घटाया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी से आने वाले पैसे से अस्तपताल, नेशनल हाईवे, आयुष्मान भारत, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत जैसी योजनाएं चलती हैं. उन्होंने कहा कि एक फीसदी ड्यूटी कम करने पर सरकार के ऊपर 20-25000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ता है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों द्वारा तेल पर टैक्स कम करने के बाद भी पंजाब जैसे कांग्रेस शासित राज्यों ने नहीं घटाया. तो क्या वे सिर्फ फायदा लेंगे और घाटा सिर्फ हम उठाएंगे.
जीएसटी को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जीएसटी आने के बाद से अब तक 1.10 करोड़ व्यापारी जीएसटी के दायरे में आ गए हैं और एक लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ है. उन्होंने कहा कि जीएसटी में जयपुर से माल चलता है केरल पहुंचता है कहीं रोका नहीं जाता. क्योंकि जीएसटी का मतलब एक देश एक टैक्स. मोदी जी ने कहा था कि देश के लोग ईमानदारी से टैक्स भरना शुरू करें.
केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि 2013-14 में 3.82 करोड़ लोग इनकम टैक्स भरते थे, जबकि 2017-18 में 6.86 करोड़ लोग टैक्स भरते हैं. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स का कलेक्शन 2013-14 में 6.38 लाख करोड़ रुपये था, जो कि 2017-18 में 10.02 लाख करोड़ रुपया हो गया है. प्रसाद ने कहा कि देश ईमानदार बन रहा है लेकिन ईमानदार भारत से कांग्रेस को परेशानी है.
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