बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में हुई फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर विवाद बना हुआ है. वहीं राजस्थान के संस्कृत के शिक्षक संगठनों ने बनारस हिंदू विश्वविधालय में संस्कृत के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर फिरोज खान की नियुक्ति को सही ठहराते हुए फिरोज खान का समर्थन किया है.
फिरोज खान के विरोध गलत
राजस्थान संस्कृत विश्वविधालय शिक्षक संघ ने गुरुवार जगद्गुरू रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविधालय में बैठक कर फिरोज खान के विरोध को गलत बताया. शिक्षक संघ के महासचिव कौशलेंद्र दास ने कहा, 'संस्कृत किसी जाति या धर्म की भाषा नहीं है. इसे जाति, धर्म, वर्ग और संप्रदाय में नहीं बांधा जा सकता है.'
आगे उन्होंने कहा, 'संस्कृत सर्वे भवन्तु सुखिन की सनातन भाषा है. इसे हिंदुओं तक सीमित करना ठीक नहीं है. मुसलमानों के बच्चों को संस्कृत पढ़ने की बात पर संघ ने कहा कि संस्कृत बंधनों से मुक्त आकाश की तरह है और इन बच्चों को संस्कृत पढ़ते देखना सुकून देता है.'
उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि फिरोज खान को लेकर वो यूपी के मुख्यमंत्री से संपर्क में है और उनकी बीएचयू में नियुक्ति का विरोध तुरंत बंद होना चाहिए. गहलोत ने इसे सियासी रूख देते हुए कहा, 'संघ परिवार और उनसे जुड़े हिंदू संगठनों को समझना चाहिए कि यह देश हिंदू-मुस्लिम की गंगा-जमुनी सभ्यता का प्रतिक है.'
फिरोज खान की नियुक्ति पर बना हुआ है विवाद
वहीं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर विवाद बना हुआ है. दूसरी ओर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र फिरोज की नियुक्ति के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच बीएचयू के चांसलर जस्टिस गिरधर माल्वीय ने कहा कि छात्रों का कदम गलत बताया है.
दूसरी ओर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्कृत डिपार्टमेंट के चेयरमैन ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में हुई फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति कहा कि कहीं न कही उनकी नियुक्ति के समय बीएचयू चयन समिति से एक चूक हुई है.