राजस्थान में लगातार नौवें दिन भी बाढ़ से बिगड़े हालात में सुधारे नहीं हैं. राज्य के 6 जिलों पाली, जालोर, सिरोही, बाड़मेर, जोधपुर और जैसलमेर के करीब 2000 लोग अब भी बाढ़ की गिरफ्त में हैं. हालांकि रविवार को इन इलाकों में बारिश कम हुई है लेकिन अब भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं. सेंना, एनडीआरएफ की टीम चौबीसों घंटे लोगों को पानी से निकालने में लगी हुई हैं. राजस्थान में बारिश की वजह से अबतक 41 लोगों की मौत हो चुकी है.
बाढ़ से बाधित बाड़मेर
बाड़मेर में तो 15 साल का रिकार्ड टूट गया है और 17 इंच बारिश हुई है जिससे लूणी नदी उफान पर है. बाड़मेर के 35 गावों के 3000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सांचोर-गुजरात, बाड़मेर-जालोर, समदड़ी-जोधपुर और जोधपुर-बाड़मेर राजमार्ग बंद हैं. बाड़मेर में लगातार आसमान से बरस रही आफत की इस बारिश ने ट्रेनों की रफ़्तार भी रोक दी है. जिले के तिलवाड़ा गांव के पास लूणी नदी का पानी रेलवे ट्रैक पर आ जाने के कारण बाड़मेर को आने जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द किया गया है. गौरतलब है की बाड़मेर जिले में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं और यही वजह है की ट्रेनों की रफ़्तार रुकने से कई यात्रियों को परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है.
बारिश से बेहाल जोधपुर
जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र के भेरूसागर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव रेलागढ़ में टोरनेडो (बवंडर) ने तबाही मचा दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस बवंडर ने लगभग 15 से 20 खेतों में फसलों और पेड़-पौधों सहित पत्थर की दीवारों को धराशाई कर दिया. इसकी गति लगभग 150 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की थी. बवंडर लगभग एक किलोमीटर तक चला और उसकी चौड़ाई तकरीबन 150 मीटर तक रही. सूचना के बाद सवेरे प्रशासन के अधिकारी जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने मौका मुआयना किया.
Rajasthan: Bridge over Jawai River broken due to heavy rain, CM Vasundhara Raje inspected the situation pic.twitter.com/MVYCbDOTfn
— ANI (@ANI_news) July 31, 2017
पाली में हर जगह भरा पानी
पाली तो आधा शहर अब भी पांच फीट पानी में डूबा हुआ है. करीब 20 बस्तियों के लोग छतों पर या ऊपरी मंजिल पर आसरा लिए हुए हैं. सड़कों पर पांच फीट पानी भरा हुआ है. बारिश नहीं होने के बावजूद पानी नहीं निकलने से लोग परेशान है. जवाई बांध के गेट खोले जाने के बाद से शहर के अलावा जिले 10 गांव डूब गए हैं. गांव के लोगों को निकालकर बाढ़ केंप में रखा गया है.
जालोर में बारिश का जुल्म
जालोर की हालत अब भी खराब है. बिजली और टेलीफोन के खंभे बह जाने से संचार के सभी माध्यम ठप पड़े हैं. जालोर के सभी इलाके एक-दूसरे से कटे हुए हैं. सेना और एनडीआरएफ के लोगों ने जालोर और सांचोर में अबतक पानी से 900 लोगों को निकाला है. पेट्रोल पंप से लेकर रेल की पटरियों पर पानी की चादर चल रही है. सेना और आर्मी की तरफ से राहत शिविरों में मेडिकल कैंप लगाए जा रहे है और राहत सामग्री भी बांटी जा रही है.
बाढ़ से सहमा हुआ है सिरोही
सिरोही में अबतक 180 फीसद बारिश हो चुकी है. दिल्ली-कांडला नेशनल हाईवे और सिरोही-जालोर हाईवे बंद है. सिरोही में भी करीब 2500 लोग प्रभावित हुए हैं. लोगों को डर सता रहा है कि अगर और बारिश आएगी तो क्या होगा. सभी 6 जिलों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और हजारों की संख्या में गाय, ऊंट और भेड़ जैसे पालतू जानवरों को नुकसान हुआ है. इन जिलों में ज्यादतर लोग जीविका के लिए पशुपालन पर ही निर्भर हैं.
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जालोर, सिरोही, पाली और बाड़मेर के बाढ़ प्रभावित जिलों को जायजा लेने के लिए फिर से पहुंची हैं. राजस्थान सरकार ने राज्य में सभी डाक्टरों और प्रभावित इलाकों की छुट्टियां रद्द कर दी है. सभी स्कूल आगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं.