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राजस्थान में भी बाढ़ के हालात गंभीर, सेना-वायुसेना रेस्क्यू में जुटे

भारी बारिश और बांधों के टूटने की वजह से गुजरात से सटे राजस्थान के जिलों में हालात खराब होते जा रहे हैं. सिरोही जिले में तो बारिश का पिछले सौ सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. माउंट आबू में पिछले 48 घंटे में करीब 98 इंच बारिश यहां हो चुकी है. हाईवे से लेकर शहर तक की सड़कें दरिया बन गई है.

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राहत कार्य में लग गई है सेना
राहत कार्य में लग गई है सेना

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भारी बारिश और बांधों के टूटने की वजह से गुजरात से सटे राजस्थान के जिलों में हालात खराब होते जा रहे हैं. सिरोही जिले में तो बारिश का पिछले सौ सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. माउंट आबू में पिछले 48 घंटे में करीब 98 इंच बारिश यहां हो चुकी है. हाईवे से लेकर शहर तक की सड़कें दरिया बन गई है.

लगातार बारिश से दर्जनों गावों का संपर्क टूट चुका है. पानी के तेज बहाव से कई जगह बांध और पुल टूट गए हैं. वायु सेना के हेलीकॉप्टर और सेना के जवान फंसे हुए लोगों को निकालने में लगे हैं. सेना ने अब तक बाढ़ में फंसे साढ़े तीन हजार लोगों को राजस्थान में रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है.

सिरोही के सभी बांध ओवर फ्लो चल रहे तो दूसरी तरफ बरसाती नदिया उफान पर है. जिनके चलते कई गांवों का तो मुख्यालय से सम्पर्क तक कट गया है. जहां लोगों के फंसे होने की जानकारी मिल रही है, वहां राहत कार्य मे लगी टीमें उन्हें रेस्क्यू कर निकाल रही है.

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माउंट आबू की मशहूर नक्की झील ओवर फ्लो चल रही है. सिरोही जिले के सबसे बड़े बांध वेस्ट बनास के ओवरफ्लो होने के कारण बनास नदी में भारी पानी की आवक हुई है, जिससे आबू रोड शहर की कई निचली बस्तियों में पानी भरने का खतरा मंडरा रहा है. स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए प्रशासन ने अर्लट जारी किया है और लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है. जिले की स्कूलों में छुट्टी घोषित की चुकी है. जिले के आबूरोड शहर में लुनियापुरा ,जुनी खराडी, व वागरी मोहल्ले के करीब एक हजार लोगों को प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत कैम्प में लाया गया है. आबूरोड  के ग्रामीण इलाकों में हालात खराब बताए जा रहे है क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टुट गया है. आबूरोड से रेवदर जाने वाला रास्ता  बंद हो चुका है. लगातार जारी भारी बारिश के चलते कुछ मिनी डैम और एनीकटों के टूटने का खतरा भी बना हुआ है.

जिले में अब तक हुई बारिश के आंकड़ों पर अगर नज़र डालें, तो इस बरसात ने अपने दशकों पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है. सिरोही जिले का बारिश का सालाना औसत आंकड़ा 764.2 मिलीमीटर है, जबकि सोमवार सबेरे आठ बजे तक 817.51 प्रतिशत बारिश तो हो चुकी थी. सिरोही जिले में सर्वाधिक बारिश का आंकड़ा माउंट आबू का ही रहता है. यह 1407 मिलीमीटर है, जबकि यहां सोमवार सबेरे तक 1586 प्रतिशत बारिश हो चुकी थी. इसी तरह रेवदर में सालाना औसत बारिश 600.1 मिलीमीटर है, लेकिन इस बार 856 मिलीमीटर बारिश तो हो चुकी है.

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राजस्थान के जालोर में भी बाढ़ से बेकाबू हालातों को सुधारने के लिए सेना के साथ-साथ वायुसेना का हेलीकॉप्टर भी जुटा हुआ है. एनडीआरएफ की टीम भी जालोर में जगह-जगह तैनात की गई है. जिले में तेज बारिश के चलते बाढ़ से हालात विकट बने हुए हैं. बारिश का दौर अब भी जारी है. उफनती नदियों  की वजह से जिले का सम्पर्क कटा हुआ है.भीनमाल, रानीवाड़ा, सायला, सांचोर  बागोड़ा और जालोर मुख्यालयों की स्थिति टापू जैसी बनी हुई हैं. अकेले अब तक बाढ़ में फंसे करीब तीन सौ से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू करके निकाला है. अधिकांश जगह लोगों ने आपसी सूझबूझ और एक-दूसरे की मदद से ही लोगों को निकाला है. प्रशासन बहुत कम जगह पहुंच पाया है. बागोड़ा के समीप एक शिक्षक की मौत हुई है. चांदना गांव को खाली करवाया गया है. एनडीआरएफ की तीन टीमें सांचोर, बागोड़ा और सायला पहुंची है. लोगों को निकालने का प्रयास जारी है. कई जगह तो लोग घंटों से पेड़ों पर बैठकर मदद का इंतजार कर रहे हैं और उनसे किसी तरह का सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. साचोर उपखण्ड मुख्यालय के समीप नर्मदा मुख्य नहर ओवरफ्लो होने से टूट गयी जिससे पूरा इलाका जलमग्न हो गया है. शहर में कई-कई फीट तक पानी का भराव हो रहा है. परंतु प्रभावी प्रशासनिक अमला वहां नहीं पहुंच पाया है.

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 भेटाला क्षेत्र में नदी के बहाव से घिरे 7 लोगों को बचाने के लिए पुलिस जीप में जा रहे जालोर पुलिस उप अधीक्षक डॉ दुर्ग सिंह राजपुरोहित खुद पानी में बह गए. उनके साथ उनका चालक और गनमैन भी था. हालांकि मशक्कत के बाद तीनों सकुशल बाहर निकल आए. जीप पानी में बहने लगी तो रस्सों से बांधकर वाहनों से खींचकर बाहर निकाला गया. पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने कहा कि अपनी सूझबूझ और साथियों की मदद से समय रहते बाहर निकाल लिया, अन्यथा बाढ़ की स्थिति में बड़ा हादसा हो जाता. एसपी ने बताया उन्होंने अपनी स्वयं की गाड़ी में भी रस्से और अन्य आपदा प्रबंधन का सामान रखा हुआ था. इसकी वजह से वे और उनकी टीम तत्काल रेस्क्यू कर पाए और उप अधीक्षक दुर्ग सिंह और उनके गनमैन तथा वाहन चालक को बाहर निकाल पाए. एसपी ने बताया कि गाड़ी पानी में फंस चुकी थी और गेट खोलना काफी मुश्किल था. ऐसे में रस्सों से गाड़ी को बांधकर लोगों की मदद से रेस्क्यू को अंजाम दिया गया.  

पाली में भी बारिश की वजह से हालात खराब हो रखे हैं. दर्जनों गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका है और लोग फंसे हुए हैं. सुबह से ही रेस्क्यू आपरेशन जारी है. सुबह में महाबली झरने में तीन लोग फंसे हुए थे जिनको रेस्क्यू किया गया. जवाई नदी उफान पर है जिसकी वजह से कई गांव और कस्बों का संपर्क टूट गया है. उधर बारिश और बाढ़ की वजह से पिछले 24 घंटे में चार लोगों की मौत हुई है. जबकि कई जिलों में मकान भी धराशाई हुए हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने आधे दर्जन मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेज दिया है ताकि प्रभावित लोगों को फौरन राहत पहुंचाया जा सके.

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