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Dengue: जयपुर में डेंगू को रोकने की कोशिश, रोजाना 20 हजार लोगों का हो रहा टेस्ट

राजस्थान के जयपुर में डेंगू समेत मौसमी बिमारियों पर नियंत्रण के लिए 20 हजार से ज्यादा लोगों के प्रतिदिन सैंपल लिए जा रहे हैं. रोगी की पहचान होने पर रोगी से राज्य स्तरीय टीम द्वारा फोन कर आसपास के क्षेत्र में डेंगू रोधी गतिविधियों के संचालन का फीडबैक भी लिया जा रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जयपुर में डेंगू की रोकथाम के लिए उपाय
  • रोजाना लिए जा रहे 20 हजार से ज्यादा लोगों के सैंपल
  • चिकित्सा सचिव ने डेंगू से बचाव के लिए ली समीक्षा बैठक

देश अभी कोरोना संक्रमण का दर्द झेल रहा है, वहीं दूसरी तरफ डेंगू भी घातक होता जा रहा है. राजस्थान के जयपुर में चिकित्सा सचिव श्री वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश में डेंगू समेत मौसमी बिमारियों पर नियंत्रण के लिए 20 हजार से ज्यादा लोगों के प्रतिदिन सैंपल लिए जा रहे हैं. उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को अधिक से अधिक सैंपल लेने के निर्देश दिए.
     
चिकित्सा सचिव शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी सीएमएचओ, पीएमओ व संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि डेंगू पर नियंत्रण के लिए अधिक से अधिक सैंपल लेकर उनकी जांच करना जरूरी है.

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उन्होंने कहा कि डेंगू रोगी की पहचान होने पर रोगी से राज्य स्तरीय टीम द्वारा फोन कर आसपास के क्षेत्र में डेंगू रोधी गतिविधियों के संचालन का फीडबैक भी लिया जा रहा है. संबंधित क्षेत्र में गतिविधियां नहीं होने पर स्थानीय एंजेसियों से सुनिश्चित भी करवाया जा रहा है.
     
गालरिया ने अधिकारियों को डेंगू पॉजिटिव मरीजों के घर पर सर्विलांस के दौरान सर्वे दलों को सेल्फी खींचकर भेजने, पॉजिटिव मरीजों के रजिस्टर्ड नंबर पर रैंडम फोन कर फीडबैक लेने व अधिकारियों को सर्वे दलों की एक्टिविटी के बारे में फीडबैक लेने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पूरा विभाग अलर्ट मोड पर काम कर रहा है. मौसमी बिमारियों सहित डेंगू को नियंत्रित करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.

दिल्ली में डेंगू का कहर

वहीं, डेंगू के बढ़ते केसेज ने दिल्ली वालों को भी परेशान कर दिया है. डेंगू के खिलाफ अभियान में सबसे बड़ा रोल हाई रिस्क वाले इलाकों का है. लेकिन जब इन इलाकों की पड़ताल की गई तो पता चला कि नेताओं और अफसरों के दावे सिर्फ 'हवा' में हैं. लेकिन इससे लोगों की जान पर बन आई है. स्थानीय लोग डेंगू के प्रकोप से परेशान हैं. उनका कहना है कि यहां पर कोई भी ध्यान देने वाला नहीं है.

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सुबह-शाम फॉगिंग कराई जा रही है

नॉर्थ एमसीडी के हाई रिस्क इलाकों में भलस्वा, जहांगीरपुरी, सुल्तानपुरी मंगोलपुरी और अवैध तथा कच्ची कॉलोनियां शामिल हैं. नॉर्थ एमसीडी के हाई रिस्क जोन में आनंद पर्वत, सदर बाजार, करोल बाग, पहाड़गंज, देवनगर, वेस्ट पटेल नगर, बलजीत नगर आदि भी शामिल हैं. साउथ एमसीडी के मेयर मुकेश सूर्यन के मुताबिक "हाई रिस्क इलाकों में लोगों को जागरूक करने के साथ ही सुबह-शाम फॉगिंग कराई जा रही है. डेंगू मुक्त दिल्ली का सपना तब तक अधूरा है, जब तक दिल्ली सरकार के अस्पताल ठीक तरह से इलाज नहीं करते".

 

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