रक्तदान का रिकॉर्ड में क्या है खास?
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी विभागों के साथ मिलकर रक्तदान का रिकॉर्ड बनाया है. इसमें स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अलावा शिक्षा विभाग, संस्कृत शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और पुलिस को भी जोड़ा गया है. पूरे राज्य में 208 रक्तदान शिविर लगाए गए हैं जिसमें शाम तक 18,336 लोगों ने अपना रक्तदान किया.
बाकी के करीब 1 लाख 80 हजार लोगों से संकल्प पत्र भरवा कर रख लिया गया है क्योंकि ब्लड को रखने की क्षमता इतनी ही थी. भारी मात्रा में आए ब्लड को देखते हुए राज्य सरकार ने इन्हें निशुल्क वितरण का फैसला किया है.
जरूरतमंदों को मुफ्त मिलेगा ब्लड
इस मौके पर बोलते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि राज्य के युवाओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ब्लड डोनेशन करके सच्ची श्रद्धांजलि दी है. इन शिविरों में जो ब्लड इकट्ठा किए गए हैं उनका मास्टर डाटा ब्लड डोनर बनाया जाएगा, जिसके जरिए जरूरतमंदों को मुफ्त में यह ब्लड दिया जाएगा.
इस डाटा के जरिए सरकार के पास कंप्यूटर में सब कुछ इंफॉर्मेशन होगी कि अगर किसी भी व्यक्ति को किसी ग्रुप का ब्लड चाहिए तो इमरजेंसी में उस व्यक्ति से संपर्क किया जा सकता है .यह इस तरह का प्रयोग पहली बार राजस्थान में किया जा रहा है जहां पर ब्लड दोनों का कंपलीट डाटा बनाया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार सभी सरकारी और निजी ब्लड बैंक अपनी क्षमता के अनुसार भर गए हैं.