गोरक्षकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए बयान और जयपुर के हिंगोनिया गौशाला में एक हजार गायों के मरने के खिलाफ संत समाज और गोरक्षकों ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. यहां पारित प्रस्ताव में एक महीने के अंदर पीएम मोदी को अपने बयान को साबित करने के लिए समय दिया गया. हिंगोनिया जैसा हाल दोबारा न हो इसकी बीजेपी सरकार से गारंटी मांगी है.
BJP को दी चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी
संतो ने बीजेपी को चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी देते हुए कहा कि गाय के नाम पर वोट लेने की बीजेपी की राजनीति अब नहीं करने दी जाएगी. संतों और गोरक्षकों ने वसुंधरा सरकार पर पैदल मार्च की अनुमति
नहीं देने और संतों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया.
गौशाला की जगह शौचालय-शौचालय चिल्लाती है BJP
साधु-संतों के सम्मेलन तो जयपुर में होते रहते हैं लेकिन इस बार का ये संत समागम कुछ अलग है. हर बार की तरह यहां बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता नहीं दिखाई दे रहे हैं. बल्कि संत बीजेपी के खिलाफ आग उगल
रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबने आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गाय के नाम पर जीतकर गोशाला की जगह शौचालय-शौचालय चिल्लाते रहते हैं.
मोदी जी 3 लाख का चश्मा, 11 लाख का सूट पहनकर हरा-हरा देख रहे हैं
मोदी के मंहगे कोट का साधु-महात्माओं ने खूब मजाक उड़ाया. संत गोपाल दास ने कहा कि मोदी जी तीन लाख का चश्मा और 11 लाख का सूट पहनकर हर जगह हरा-हरा देख रहे हैं. इसलिए हरे चारे के बिना मरती हुई
गायें नहीं दिख रही हैं. लोगों ने वोट दिया था कि मोदी जी को लाओ और गाय बचाओ लेकिन वो तो गाय मारने वालों को बचाने में लग गए हैं. जनता इसे देख रही है. जनता चुनाव में परिवर्तन करेगी. उनको समझना
चाहिए कि सत्ता स्थाई नहीं होती है.
सरकार को दिया 1 महीने का अल्टीमेटम
पूर्व बीजेपी नेता गोविंदाचार्य ने कहा कि मोदी को ऐसा नहीं कहना चाहिए था. इससे लाखों गो भक्तों को ठेस पहुंची है. इस मामले पर बीजेपी नेता गोविंदाचार्य पूरी तरह से संत समाज के साथ थे. हिंगोनिया गौशाला में
गायों के मरने को लेकर भी संतो और गोरक्षकों में आक्रोश था. इन्होंने कहा कि गौ सेवा के नाम पर वोट लेने वाली बीजेपी गो हत्या कर रही है. संतों और गोरक्षकों ने अल्टीमेटम दिया कि अगर एक महीने के अंदर सभी
सरकारी गौशालाओं में हालात नहीं सुधरे तो संत समाज अन्न-जल त्याग करेगा.
इस सम्मेलन में करीब दो सो संत और पांच हजार गौरक्षकों ने भाग लिया. साथ ही तय किया गया कि एक महीने में हालात नहीं सुधरे तो बीजेपी के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे.