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राजस्थान: घनश्याम तिवाड़ी की वापसी, क्या मजबूत हो रहा है वसुंधरा विरोधी खेमा?

वसुंधरा राजे के विरोध की वजह से घनश्याम तिवाड़ी की वापसी नहीं हो पा रही थी मगर अब माना जा रहा है कि राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा विरोधी खेमा मजबूत हो रहा है.

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फिर से बीजेपी में शामिल हुए घनश्याम तिवाड़ी (फोटो- आजतक)
फिर से बीजेपी में शामिल हुए घनश्याम तिवाड़ी (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • घनश्याम तिवाड़ी की फिर से बीजेपी में वापसी
  • रहे हैं वसुंधरा राजे के कट्टर विरोधी

भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी ने घर वापसी की है. शनिवार दोपहर उन्होंने जयपुर स्थित पार्टी ऑफिस में राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष डॉ. सतीश पुनिया की उपस्थिति में एक बार फिर से बीजेपी की सदस्यता हासिल की. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से झगड़े की वजह से घनश्याम तिवाड़ी कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

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वसुंधरा राजे के विरोध की वजह से घनश्याम तिवाड़ी की वापसी नहीं हो पा रही थी मगर अब माना जा रहा है कि राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा विरोधी खेमा मजबूत हो रहा है और घनश्याम तिवाड़ी की वापसी इसी ओर इशारा कर रही है.

शनिवार दोपहर 12 बजे जयपुर के बीजेपी मुख्यालय में घनश्याम तिवाड़ी बीजेपी में शामिल हुए. उन्हें शामिल कराने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया प्रदेश मुख्यालय में मौजूद थे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घनश्याम तिवाड़ी को वापस BJP में शामिल करने के लिए कहा था.

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घनश्याम तिवाड़ी बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार थे. भैरोंसिंह शेखावत सरकार में वह ऊर्जा मंत्री रहे. वसुंधरा सरकार के साथ उनके वैचारिक मतभेद सार्वजनिक तौर पर देखने और सुनने के लिए मिले हैं. तिवाड़ी जब बीजेपी से अलग हुए तो उन्होंने अलग होकर भारत वाहिनी नाम से एक राजनीतिक दल का गठन किया. इसे चुनाव आयोग ने मान्यता भी दे दी. उन्होंने अपने बेटे अखिलेश को पार्टी का संस्थापक और अध्यक्ष बनाया.

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